गांव का छोरा बन गया भारतीय सेना में अफसर। हिन्दी मीडियम से पढ़े होनहार आशुतोष मौर्य ने लेफ्टिनेंट बनकर पूरे इलाहाबाद का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। NDA देहरादून से प्रशिक्षण के बाद हुये पासिंग आउट परेड में आशुतोष को लेफ्टिनेंट के पद से नवाजा गया। पासिंग आउट परेड में जब घरवालों ने आशुतोष को सेना की वर्दी में देखा तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
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पासिंग आउट परेड के बाद अपने परिवार वालों के साथ आशुतोष |
तीन भाई व एक बहन में सबसे बड़े आशुतोष साधारण परिवार से आते हैं। पिता विनोद कुमार मौर्य सहायक अध्यापक और माता आंगनवाड़ी कार्यकत्री हैं। दादा जगदेव प्रसाद उच्च प्राथमिक विद्यालय सिकंदरा में पूर्व प्रिसिंपल रहे हैं।
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जश्न मनाते कैडेट्स, फोटो सौजन्य- हिन्दुस्तान टाइम्स |
आशुतोष ने अपनी शिक्षा इलाहाबाद के स्कूल सेठ गयादीन इंटरमीडियट कालेज मैलहा से ली है। यहाँ से उन्होंने सन 2010 में हाई स्कूल और 2012 में इंटर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया था। वो बचन से ही सेना में जाना चाहते थे। 2 जनवरी 2014 को एनडीए परीक्षा पास कर वो पुणे प्रशिक्षण प्राप्त करने गए।
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IMA देहरादून, हर नौजवान का सपना |
प्रशिक्षण के बाद उन्हें इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) देहरादून भेजा गया। कठिन ट्रेनिंग के बाद 9 दिसंबर को पासिंग आउट परेड में उनका सपना पूरा हुआ। देश को लेफ्टिनेंट के रूप में आशुतोष एक नए जांबाज अफसर के रूप में मिले हैं। आशुतोष उन नौजवानों के लिए आदर्श हैं जो गांव में रहकर सेना में अफसर बनने का सपना देखते हैं। आशुतोष उन लाखों हिन्दी मीडिया से पढ़ने वाले छात्रों के लिए रोल मॉडल हैं जो NDA जैसी परीक्षा की तैयारी इसलिए नहीं करते कि उनकी अंग्रेजी कमजोर है।
NOTE:- आशुतोष के जज्बे को हम सलाम करते हैं। आप भी इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा फेसबुक और सोशल मीडिया पर शेयर करके आशुतोष की इस कहानी को भारत के कोने-कोने तक पहुचाएं। और भारतीय सेना के इस नए जांबाज अफसर को अपनी शुभकामनाएं दें।