पीसीएस अफसर कैसे बनते हैं? PCS Prelims Tips and Strategy, Prepare for PCS Exams 2018
दोस्तों इस लेख को पढ़ने से पहले आप इसका पहला पार्ट जरूर पढ़ लें। क्योंकि उसके बिना ये लेख अधूरा है। आप चाहें तो पहले इस लेख को पढ़ लें फिर उसे पढ़ें। लेकिन अगर उस लेख को पहले पढ़ेंगे तो ज्यादा फायदा होगा। पहला पार्ट पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें।
दोस्तों PCS बनने की इच्छा रखने वाले हर प्रारम्भिक प्रतियोगी के समक्ष कुछ समस्यायें आती हैं। मसलन-
- कैसे करें PCS की तैयारी?
- PCS EXAM के लिए क्या क्या पढ़ें, कौन सी किताबें पढ़ें?
- पीसीएस बनने के लिए कितना पढ़ें?
- PCS के लिए कोचिंग ज्वाइन करें या ना करें?
- कोचिंग के नोट्स से पढ़ें या किताबों से पढ़ें?
- PCS EXAM के लिए नोट्स कैसे बनायें?
- सटीक उत्तर लेखन का अभ्यास कैसे करें?
- कितना समय पर्याप्त है तैयारी के लिए?
- PCS परीक्षा में सफलता की कितनी सम्भावना?
आइए आपको बताते हैं कि कैसे आप पीसीएस परीक्षा की तैयारी शुरू करें। लेकिन उससे पहले ये बताना जरूरी है कि पीसीएस परीक्षा में कौन लोग बैठ सकते हैं।
PCS Exam Eligibility, PCS Exam Age Limit
पीसीएस परीक्षा में कौन बैठ सकता है?
पीसीएस परीक्षा में हर वो छात्र बैठ सकता है जो ग्रेजुएशन कंपलीट कर चुका है। और उसकी उम्र 21 से 40 साल के बीच है। रिजर्व कैटेगरी में उम्र की सीमा अधिक है। उसके लिए आप UPPCS का नोटिफिकेशन 2018 को जरूर पढें।
कैसे करें पीसीएस की तैयारी?
प्रथम चरण-
सर्वप्रथम आप मानसिक रूप से दृढ़ हों स्वयम् पर यकीन करें कि आप यह कर सकते हैं। आत्मविश्वास होना अत्यंत आवश्यक है।
दूसरा चरण-
पीसीएस का सिलेबस/पाठ्यक्रम का गहन अध्ययन करें। पाठ्यक्रम के अध्ययन से आपको सरसरीतौर पर एक दिशा प्राप्त हो जाएगी। अगर आपको सम्पूर्ण पाठ्यक्रम समझ में आ गया और आपने अगर इसे आत्मसात कर लिया है तो आपकी तैयारी का ये चरण पूरा हुआ। पाठ्यक्रम में किसी प्रकार की दुविधा होने की स्थिति में अपने सीनियर्स या फिर किसी सलेक्टड ऑफिसर से मदद ले सकते हैं।
तृतीय चरण-
समय सारणी बनायें। समय सारणी बनाते समय दो बातों का ध्यान रखें पहला यह कि सम्पूर्ण सिलेबस आपको छह माह में पूरा करना है ताकि आपको रिवीज़न का पर्याप्त समय प्राप्त हो सके। दूसरा यह कि आप प्रतिदिन कितना समय दे सकते हैं तथा आप अपने आत्मसात करने की सीमा का भी ध्यान रखें। समय सारणी के अनुसार नियमित रूप से अध्ययन करें। नियमित रूप से अनुशासन बद्ध होकर अध्ययन करे बिना आप सफलता का स्वाद नही चख़ सकते।
PCS बनने के लिए क्या पढ़ें?
चतुर्थ चरण-
अध्ययन सामग्री का सावधानी पूर्ण चयन अत्यंत आवश्यक है। यदि आप द्वारा चयनित अध्ययन सामग्री त्रुटिपूर्ण या स्तरहीन है तो आप का समय करियर एवं सम्पूर्ण भविष्य दांव पर है। स्तरीय पाठ्यसामग्री के चयन हेतु चयनित व्यक्तियों, गुरूजनों, विभिन्न मासिक पत्रिकाओं में प्रकाशित टापर्स के साक्षात्कार आदि का अध्ययन करें। परंतु किताबों का चयन करते समय अपनी बुद्धि का भी प्रयोग करें। ऐसा न हो कि किताबें आपको समझ में ही न आयें।
PCS बनने के लिए कितना पढ़ें?
प्रतिदिन एक स्तरीय दैनिक समाचार पत्र के सम्पादकीय, राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय घटनाओं और खेल समाचारों का अध्ययन करें। लोकल समाचारों पर अधिक समय न व्यतीत करें। इंटरनेट के समाचारों को अध्ययन का आधार न बनायें। सुबह एवं रात्रि के समय आकाशवाणी के सामाचार भी सुनें इसका लाभ यह होगा कि आप को समाचार स्मरण हो जाएंगे।
प्रतिदिन जब समय सारणी के अनुसार कोई टापिक समाप्त हो जाए तो उसका रिवीज़न अवश्य करें। साथ ही उस टापिक से आए प्रश्नों को हल करें साथ ही आप स्वयंम उस टापिक से संभावित प्रश्नों की एक सूची बनायें।
सेलेक्शन के लिए कोचिंग ज्वाइन करें या ना करें?
यह निर्णय लेने के पूर्व कोचिंग संबधी लाभ एवं हानियों की तुलना कर लें।
कोचिंग ज्वाइन करने के फायदे-
समय की पाबंदी-
यह कोचिंग का सर्वप्रमुख लाभ है। आप नियमित रूप से अध्ययन कर पायेंगे। एकांत में अध्ययन हो सकता है आप नियमित न कर पायें क्योंकि घर पर बैठने से आपके परिवार वाले, सगे संबधी, मित्रगण, पड़ोसी आदि लोग आपको फालतू या खाली समझने लगते हैं। या आप स्वयम् भी कहीं और व्यस्त हो सकते हैं। कोचिंग लेने से आप इन समस्याओं से कुछ हद तक छुटकारा पा सकते हैं।
प्रतियोगी भावना-
कोचिंग का यह लाभ है कि आप अपने साथ पढ़ने वालों से बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं अतः आप अधिक मेहनत करते हैं।
मार्गदर्शन-
कोचिंग के अध्यापकों को कई वर्षों का अनुभव होने के कारण वो आपको उचित मार्गदर्शन दे सकते हैं।
अपडेट्स-
आप अपने कोचिंग के साथियों द्वारा तथा कोचिंग द्वारा करेंट ट्रेंडस् से परिचित रहते हैं।
कोचिंग ज्वाइन करने के नुकसान-
कोचिंग की महंगी फीस-
दिल्ली जैसे शहरों में कोचिंग की फीस 50 हजार से लेकर 2 लाख तक है। इसके अतिरिक्त रह महीने करीब 15 से 20 हजार का खर्च अलग।
अनुभव एक बाधा भी है-
कोचिंग में सालों से पढ़ा रहे अनुभवी अध्यापक कई बार नये ट्रेंड को नहीं समझ पाते। जैसे- सी-सैट लागू होने के बाद कई कोचिंग संस्थानों का सलेक्शन ग्राफ अचानक से गिर गया। क्योंकि वो नया ट्रेंड नहीं समझ पाए।
व्यक्तिगत मार्गदर्शन नहीं-
कोचिंग वाले अधिक कमाई करने के चक्कर में एक ही बैच में अधिक एडमिशन लेते हैं या बैच की संख्या बढ़ा देते हैं या कम पारिश्रमिक पर कम अनुभवी अध्यापक की नियुक्ति करते हैं अतः कई बार आपको गलत मार्गदर्शन मिलता है।
यह ध्यान रखें की कोचिंग अधिकतर असफल छात्र ही चलाते/पढ़ाते हैं और अंततः कोचिंग वाले भी व्यवसायीं है जिनको आपके भविष्य से अधिक अपने लाभ की चिंता होगी ही।
PCS बनने के लिए कोचिंग के नोट्स से पढ़ें या प्रमाणिक किताबों से पढ़ें?
जहाँ तक संभव हो मानक किताबों का ही अध्ययन करें। कोचिंग के नोट्स से केवल उन ही टापिक्स का अध्ययन करें जिस टापिक पर किताबें उपल्बध न हों या टापिक आप की समझ में न आया हो। दिल्ली, इलाहाबाद, पटना आदि शहरों से कोचिंग के नोट्स या उनकी फोटोकापी मंगाते समय यह विशेष ध्यान दें कि उन नोट्स में आंकड़े साल भर पुराने होंगे। इसलिए उसे अपडेट करना पड़ेगा।
PCS अफसर बनने के लिए नोट्स कैसे बनाये?
कई सफल छात्र कभी नोट्स बनाते ही नहीं पर इसका अर्थ यह नही कि आप भी ऐसा ही करें। नोट्स बनाते के निम्न लाभ हैं-
1-रिवीजन में समय कम लगता है।
2-आत्मविश्वास आता है कि कम से कम इतने टॉपिक्स आप पूरे कर चुके हैं। पर अपने नोट्स का रिवीज़न भी करते रहें नहीं तो यह आत्मविश्वास कब ओवरकान्फिडेंस में बदल जायेगा आपको पता ही नहीं चलेगा।
3-लिखने की प्रैक्टिस हो जाती है
PCS के लिए नोट्स बनाते के लिये निम्न बातों का ध्यान रखें:-
1-सादा बिना लाइन वाले पेज प्रयोग करें। बाजार में आयोग के आन्सरशीट के माप एवं डिजाइन की कापियॉ भी उपल्बध हैं। आप चाहें तो उनका प्रयोग कर सकते हैं।
2-काले या नीले पेन का प्रयोग करें। पेन की लिखावट अधिक मोटी या अधिक महीन न हो।
3-नोट्स आप अपने लिये बनाना है अतः नोट्स बनाते समय उन तथ्यों को ही लिखें जो आपके लिये नये हों या जो आप भूल सकते हों। वाहवाही पाने के लिये सोशल मीडिया में अपने नोट्स शेयर करने से बचें। सीनियर्स या मित्रों की राय जानने का प्रयास अवश्य करें।
4-नोट्स मानक किताबों से ही बनायें। किसी शंका की स्थिति में संबंधित सरकारी विभाग की वेब साइट या इंटरनेट की सहायता लें।
5-परिवर्तनशील विषयों के नोट्स बनाते समय पर्याप्त स्थान छोड़ दें ताकि आप नये आंकड़े वहॉ लिख सकें।
PCS बनने के लिए सटीक उत्तर लेखन का अभ्यास कैसे करें?
मुख्य परीक्षा में अधिक अंक पाने में सटीक उत्तर लेखन की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है
सटीक उत्तर लेखन आपके विचारों तथा आप की विषयों पर पकड़ तथा समझ को व्यक्त करता है। यही वह माध्यम है जिससे आपको परीक्षक को प्रभावित करना है। उस पर अपनी प्रतिभा की धाक जमानी है जिससे कि वह आपको अधिक अंक प्रदान करें। लिखने की प्रैक्टिकस करते समय इन बातों पर ध्यान दें।
1-आप का लेखन धर्म, जाति, वर्ण, दल एवं सामाजिक कुरीतियों से स्वतंत्र होना चाहिये। यहां इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप जिस धर्म, जाति, वर्ण, दल के हैं उस के कुछ प्रभाव आप पर अवश्य होंगे अतः निरपेक्ष सोच विचारों का प्रयत्न करें। वरना इसकी छाप आप के उत्तर लेखन में अवश्य प्रकट होगी।
2-शब्दों एवं विचारों के दोहराव से बचें।
3-कम से कम शब्दों में लिखने का प्रयास करें। मित्रों से वार्तालाप करते समय भी अपशब्दों का प्रयोग न करें तथा कम से कम शब्दों में अपनी बात करने का प्रयास करें। किसी लेख साहित्य को पढ़ते समय या किसी की बात सुनते समय यह सोचें कि क्या यह बात कम शब्दों में, अधिक सरल तरीके से, अधिक प्रभावशाली तरीके से कही जा सकती है? यह एक आवश्यक अभ्यास है जिससे न केवल आप सटीक उत्तर लेखन में सक्षम होंगे अपितु आप को निबंध के विषय की भी अतिरिक्त तैयारी नहीं करना पड़ेगी।
4-विशेषज्ञ बनने का प्रयास न करें। अर्थात अत्याधिक क्लिष्ठ भाषा या अति साहित्यिक लेख न लिखें ।
PCS की तैयारी के लिए कितना समय पर्याप्त है?
6 महीने से लेकर 1 साल की गहन तैयारी पर्याप्त है।
PCS परीक्षा में सफलता की कितनी सम्भावना है?
80 फीसदी मेहनत+20 फीसदी भाग्य = पीसीएस में सेलेक्शन