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Tuesday, 2 January 2018

GST पर IIM प्रोफेसर के ये Tips निबंध में जरूर डालिए, मिलेंगे अच्छे अंक

हाल फिलहाल में होनेवाली परीक्षाओं में GST से जुड़े प्रश्न आने तय हैं। अगर आप IAS, PSC, SSC परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और मेंस की तैयारी या फिर देने जा रहे हैं तो आप GST से जुड़ा एक टॉपिक तय मानिए। नीचे हम GST से छोटो कारोबारियों को सामने आनेवाली समस्याओं और उसके उपाय बता रहे हैं। ये बिन्दु दैनिक जागरण अखबार में IIM के पूर्व प्रोफेसर और वरिष्ठ अर्थशास्त्री भरत झुनझुनवाला ने एक लेख में पेश किया है।

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शोध सौजन्य-दैनिक जागरण अख़बार

GST से छोटे कारोबारियों के सामने आनेवाली समस्याएं:-

  • एक आकलन के अनुसार GST से छोटे कारोबारियों के कारोबार में करीब 40% की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। विशेषज्ञ भरत झुनझुनवाला का आकलन है कि ये गिरावट जीएसटी ढांचे के कारण है। 
  • जीएसटी लागू होने से हर व्यापारी को अपना माल पूरे देश में बेचने की छूट मिल गई है। यह व्यवस्था बड़े उद्योगों के लिए फायदेमंद है जबकि छोटो उद्योगो के लिए नुकसानदेह। कारण ये है कि अंतरराज्यीय व्यापार करने की क्षमता बड़े उद्योगों की ज्यादा होती है। उनके कोरोबार का विस्तार ज्यादा है। 
  • बड़े कारोबारियों के मुकाबले छोटे कारोबारी अंतरराज्यीय व्यापार कम करते हैं। बड़े व्यापारियों को मिली GST की सहूलियतें छोटे व्यापारियों के लिये अभिशाप बन गई है। जैसे नागपुर में बने सामान अब गुवाहाटी में आसानी से पहुंच रहे हैं और वहां के स्थानीय कारोबारियों का बिजनेस चौपट हो रहा है।   
  • GST का छोटे उद्योगों पर दूसरा असर रिटर्न भरने का बोझ है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक बयान में कहा है कि GST के तहत पंजीकृत 35 प्रतिशत लोग टैक्स अदा नहीं कर रहे हैं। 
  • बड़े व्यापारियों को जीएसटी से कोई समस्या नहीं है। क्योंकि उनके दफ्तर में चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंप्यूटर ऑपरेटर पहले से ही मौजूद थे। छोटे व्यापारियों के लिए यह अतिरिक्त बोझ बन गया है। 
  • छोटे व्यापारियों की तीसरी परेशानी है कि खरीद पर अदा किए गए जीएसटी का उन्हें रिफंड नहीं मिलता। मसलन, अगर किसी दुकानदार ने कागज खरीदा और GST अदा किया। बड़े दुकानदार ने कागज बेचा तो उसके खरीददार ने इस रकम का सेटफ (Refund) ले लिया। छोटे दुकानदार ने कंपोजीशन स्कीम में कागज बेचा तो उसके खरीददार को GST सेटफ नहीं मिलेगा। 
  • इन तीन ढांचागत कारणों से जीएसटी छोटे व्यापरियों के लिए कष्टकारी हो गया है। छोटे व्यापरियों के दबाव में बाजार में मांग कम हो गई है और पूरी अर्थव्यवस्था ढीली पड़ रही है और जीएसटी का कलेक्शन गिरता जा रहा है।  

GST से छोटे कारोबारियों के सामने आनेवाली समस्याओं का उपाय:-

  • कुछ उत्पादों को छोटे उद्योगों के लिये फिर से संरक्षित कर दिया जाए जैसा कि पहले था। इससे छोटे उद्योग को फायदा होगा।  
  • GST में रजिष्ट्रेशन के प्रोत्साहन स्वरूप हर व्यापारी को 500 रुपये प्रति माह का अनुदान दिया जाए। इस रकम से छोटे व्यापारी पंजीकरण के कागजी बोझ को वहन कर लेंगे। 
  • कंपोजीशन स्कीम के छोटे व्यापारियों को भी खरीद पर अदा किए गए जीएसटी को पास ऑन करने की छूट दी जाए। तब ये बड़े व्यापारियों को टक्कर दे सकेंगे। 
  • IIM के पूर्व प्रोफेसर भरत झुनझुनवाला का मानना है कि प्रस्तावित ई-वे बिल इन परेशानियों को बढ़ा सकता है। वो एक उदाहरण से इसे समझाते हैं। 
  • उनके एक दोस्त ने नवजात शिशु को डॉक्टरों ने एंटीबायोटिक दवा दी। उसकी हालत नहीं सुधरी तो और बड़ी मात्र में एंटीबायोटिक दवा दी जिससे हालत सुधरने के बजाय और ज्यादा ही बिगड़ गई। इसी तरह वित्त मंत्री ने पहले अर्थव्यवस्था को GST की दवा दी। अर्थव्यवस्था नहीं सुधरी तो ई-वे बिल की दवा देना चाह रहे हैं। संभव है कि अर्थव्यवस्था और डिप्रेशन में चली जाए। 

Tuesday, 11 July 2017

IAS Topper सौम्या पांडे ने बिना कोचिंग, कैसे IAS में टॉप किया? देखें उनकी कॉपी.

IAS की परीक्षा अपने आप में किसी हिमालय सरीखी चुनौती से कम नहीं है। जबतक कोई हिमालय पर चढ़ नहीं लेता उसे हिमालय दुनिया की सबसे कठिन चुनौती लगती है। लेकिन जो इस चुनौती से पार पा लेता है उसके लिए ये बाएं हाथ का खेल बन जाता है। ठीक इसी तरह से IAS का किला फतह करना भी बड़ी चुनौती है, लेकिन जब कोई एक बार इसमें सफल हो जाता है तो उसे ये परीक्षा बेहद आसान लगने लगती है।

Ad_Content IAS की तैयार के दौरान छात्रों के मन में एक सवाल सबसे ज्यादा चलता है कि निबंध की तैयारी वो कैसे करें? निबंध को लेकर जो सवाल सबसे ज्यादा टेंशन का सबब बनता है उसमें हैं...

1-निबंध की शुरुआत कैसे करें?
2-निबंध में कोटेशन दें की ना दें?
3-अगर निबंध में कोटेशन दे तो कहां दे?
4-निबंध में डायग्राम का प्रयोग करें की ना करें?
5-अगर निबंध में डायग्राम बनाएं तो कहां बनाएं, कितना बनाएं?
6-निबंध लिखने से पहले रफ वर्क करें, कितनी देर तक करें, रफ वर्क में क्या-क्या प्वाइंटर बनाएं?

अगर आप इन सभी सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो 2016 की IAS Topper सौम्या पांडे (SAUMYA PANDEY RANK-4) की निबंध की वो कॉपी जरुर देखिए जो उन्होंने VISION IAS कोचिंग में टेस्ट सीरिज के दौरान लिखा था। इस कॉपी को देखने के बाद आपको आसानी से इस सवाल का जवाब मिल जाएगा कि आप निबंध की तैयारी कैसे करें?

IAS Topper SAUMYA PANDEY RANK-4 की निबंध की कॉपी देखने के लिये नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें.


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