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Friday, 15 December 2017

24 जून 2018 को होगी UP PCS की प्रारंभिक परीक्षा, शुरू कर दें तैयारी

उत्तर प्रदेश PCS परीक्षा की तैयारी करनेवाले स्टूडेंट के लिए गुड न्यूज है। आयोग ने सत्र-2018 के लिए पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा की तारीखों का ऐलान कर दिया है। पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा 24 जून 2018 को होगी। इसके साथ ही आयोग ने पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा की तारीखों की घोषणा कर दी है। मुख्य परीक्षाएं 17 मार्च 2018 से होगीं।

इस बार आयोग ने परीक्षा का कैलेंडर काफी देर से जारी किया। अमूमन हर साल कैलेंडर सितंबर-अक्टूबर तक आ जाता है। हालाकि देरी का संबंध आयोग में हुई धांधली की सीबीआई जांच की घोषणा से भी हो सकता है। फिलहाल आयोग ने जो कैलेंडर जारी किया है उसे आप नीचे देख सकते हैं।
           
                       
1- अपर निजी सचिव (कंप्यूटर ज्ञान) परीक्षा-2013 की तारीख 11 फरवरी 2018 है
2-प्रवक्ता राजकीय इंटर कॉलेज (स्क्रीनिंग) परीक्षा-2017 की तारीख 25 फरवरी 2018 है
3-सहायक सांख्यिकीय अधिकारी (स्क्रीनिंग) परीक्षा-2014 (वाणिज्य कर विभाग, विज्ञापन संख्या-2/2014-15, विभाग संख्या एस-5/4 की परीक्षा 17 मार्च 2018 को होगी।
4-सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (मुख्य) परीक्षा-2017 की तारीख 17 मार्च 2018 है।
5-समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी आदि (प्रारंभिक) परीक्षा- 2017 की परीक्षा 08 अप्रैल 2018 को होगी।
6-सम्भागीय निरीक्षक परीक्षा-2018 की तारीख 15 अप्रैल 2018 है।
7-सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) पुरूष संवर्ग एवं सहायक अध्यापिका (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) महिला संवर्ग परीक्षा 2018 की तारीख 6 मई 2018 रखी गई है।
8-उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जू.डि) प्रारंभिक परीक्षा, 2018 (15 जनवरी 2018 तक अधियाचन प्राप्त होने की स्थिति पर) की तारीख 20 मई 2018 है।
9-सहायतक वन संरक्षक/वन क्षेत्राधिकारी (मुख्य) परीक्षा-2017 की तारीख 20 मई 2018 है।
10-अपर नीजि सचिव परीक्षा 20 2018 की तारीख 10 जून 2018 रखी गई है।
11-सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा-2018 की परीक्षा 24 जून 2018 रखी गई है।

Thursday, 14 December 2017

अगर IAS बनना है तो ना करें ये 10 गलतियां?

1-बिना सोचे-विचारे तैयारी शुरु करना
हर छात्र की तैयारी की अपना स्तर और क्षमता होती है। अगर आप सिर्फ दूसरों की नकल करके तैयारी की शुरुआत करेंगे तो आप IAS नहीं बन सकते हैं क्योंकि हर इंसान का आईक्यू अलग-अलग होता है। मतलब अगर आपके परिचित में कोई IAS बन जाता है तो ऐसा नहीं कि आप भी IAS बन जाएंगे। या फिर आपके रिश्तेदारी में आप से कम पढ़नेवाला कोई छात्र IAS की परीक्षा में सेलेक्ट हो गया तो आप भी सेलेक्ट हो जाएंगे। किसी भी छात्र की अंदरूनी क्षमता कोई नहीं आंक सकता है। लिहाजा अगर आपको लगता है कि आप सच में आईएएस की परीक्षा पास कर सकते हैं तभी तैयारी करें। इसके लिए आप पुराने अनसॉल्व पेपर के साथ सेलेबस देंगे और फिर मंथन करें कि आप क्या इस लेवेल की तैयारी कर पाएंगे।

2-तैयारी से पहले रणनीति नहीं बनाना
बिना विचारे जो करें वो पाछे पछताए। ये कहावत तो सुनी होगी आपने। अगर आप भी बिना विचारे तैयारी शुरू करेंगे तो आपको बाद में पछताना पड़ेगा। इसलिए पहले आईएएस परीक्षा का लेवल देख लें फिर अपनी क्षमता देखकर ही तैयारी शुरु करें। नहीं सारे प्रयास खत्म होने के बाद पछताएंगे तो कुछ नहीं मिलेगा। वक्त भी जाएगा और कांफिडेंस भी।

3-प्रमाणिक किताबों को नहीं पढ़ना
गाइड से आईएएस परीक्षा की तैयारी अगर आप करने की सोच रहे हैं तो तैयारी बिल्कुल भी ना करें। क्योंकि आईएएस परीक्षा के सवाल किसी गाइड से नहीं आते हैं और ना ही वो किसी सेट पैटर्न पर आते हैं। इसलिए आपको अपने आप को इतना ग्रुम करना होगा कि आप गाइड के स्तर से ऊपर निकल सकें। इसलिए सिर्फ और सिर्फ प्रामाणिक किताबों का अध्यन करें और ज्यादा किताब पढ़ने से बेहतर है कि आप एक ही किताब को बार-बार-बार पढ़ें। जबतक आपका कांसेप्ट क्लियर नहीं हो जाता।

4-ग्रुप बनाकर नहीं पढ़ना
आईएएस बनने के बाद आपको  टीम वर्क में काम करना होता है। इसलिए इस तैयारी के लिए जरुरी है कि आप टीम बनाकर पढ़ें। इसके कई फायदें हैं। एक तो आपको सही मार्गदर्शन मिलता रहेगा और फालतू के निगेटिव विचारों से बचेंगे। साथ ही ऐसी बहुत से टॉपिक जो आपको समझ में नहीं आ रहे हैं ग्रुप में पढ़ने पर जल्द क्लियर हो जाते हैं। बस ग्रुप बनाते समय इस बात का ध्यान दें कि सभी लोग सीरियस हों। वर्ना ये ग्रुप अय्याशी का अड्डा बन जाएगा।

5-दूसरे के Study Plan को Follow करना
दुनिया में हर इंसान की प्रवृति अलग होती है। कोई नोट्स बनाकर पढ़ता है तो कोई किताब से ही पढ़ लेता है। इसलिए कभी-भी दूसरों का स्टडी प्लान कॉपी नहीं करें। इसमें फायदा कम और नुकसान ज्यादा है। अपना खुद का स्टाइल डेवलप करें।

6-टाईम टेबल बनाकर नहीं पढ़ना
बहुत से छात्रों की शिकायत होती है कि वो पढ़ते तो बहुत हैं लेकिन सलेक्शन नहीं होता है। दरअसल होता ये है कि ऐसे छात्र एक ही विषय पर बहुत ज्यादा वक्त दे देते हैं। इसलिए टाईम टेबल बनाकर पढ़िए। अपनी पढ़ाई को एक निश्चित टाइम फ्रेंम में बांधने की कोशिश कीजिए। इससे फायदा ये होगा कि आपका समय बचेगा और सभी विषयों पर बराबरी से आप वक्त दे पाएंगे।

7-जरुतर से ज्यादा नोट्स जुटाना
तैयारी करने वाले छात्रों की सबसे बुरी आदत होती है व्यर्थ के नोट्स जुटाना। कोई सेलेक्ट हो गया तो उसके नोट्स के चक्कर में पड़ जाते हैं। मौका मिलते ही उसे फोटो कॉपी कराने लगते हैं। दरअसल ऐसे छात्र अपनी पढ़ाई से ज्यादा दूसरों की पढ़ाई पर ध्यान देते हैं। उन्हें लगता है अगर कोई सेलेक्ट हो गया तो उसका नोट्स बहुत अच्छा होगा। ऐसे लोगों को सलाह है कि ऐसा नहीं है कि IAS Topper और IAS में सफल होनेवाले के नोट्स में कोई ज्यादा फर्क होता है। एक ही कोचिंग से पढ़े छात्रों में कोई सफल होता है और कोई सफल नहीं होता है। ऐसे में ये ध्यान रखना चाहिए कि आप जो कुछ भी पढ़ रहे हैं उस पर आपका कांफिडेंस है कि नहीं। विषय आपको क्लियर हो रहे हैं कि नहीं। इसलिए दूसरों के नोट्स उतना ही जुटाएं जितना पढ़ सकें। वैसे अपना नोट्स सबसे अच्छा होता है। अगर आप खुद के नोट्स बनाएंगे तो इससे बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता।

8-दो से ज्यादा न्यूज पेपर पढ़ना
मोर स्टडी मोर कंफ्यूजन। ये कहावत तो आपने सुनी होगी। अगर आप दो से ज्यादा न्यूज पेपर पढ़ रहे हैं तो आप अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। कोशिश करें सिर्फ दो न्यूज पेपर पढ़ें। जिसमें से एक हिन्दी और एक अंग्रेजी हो। सिर्फ वही पढ़ें जो परीक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हो।

9-असफल लोगों से सलाह लेना
असफल लोगों से बात जरुर करें लेकिन उनसे सलाह ना लें। बात करने से फायदा ये होगा कि आप ये जल्द समझ जाएंगे कि कहां पर गलती करने से ये लोग सफल नहीं हुए हैं। लेकिन अगर आप अफसल लोगों से सलाह लेंगे तो आपको बहुत नुकसान होगा। क्योंकि असफल इंसान अपनी गलती कभी नहीं मानता तो सिर्फ दूसरों पर सारी तोहमत मढ़ता रहता है। मतलब कमीशन में बेइमान लोग बैठे हैं। कोचिंग में ठीक से नहीं पढ़ाया गया। वगैरह-वगैरह।

10-खुद पर भरोसा नहीं करना
IAS की तैयारी का पहला मंत्र हैं खुद की तैयारी भरोसा रखना। अगर आप खुद पर यकीन नहीं करते तो आप तैयारी की सोचिए भी नहीं। क्योंकि ये परीक्षा ही नेतृत्व क्षमता की तलाश के लिए ली जाती है। और जो इंसान खुद पर कांफिडेंस नहीं है वो दूसरों का नेतृत्व कभी नहीं कर सकता है।

तो दोस्तों ये थी वो 10 गलतियां जिसे करने पर आप IAS की रेस से बाहर हो सकते हैं। इसलिए आज ही इन गलतियों से बचे। और हां। अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर शेयर करें, ताकि जो लोग इस परीक्षा की तैयारी कर रहेे हैं उन तक सही मैसेज पहुंच सके। 

Tuesday, 17 October 2017

UP PCS में बड़ा बदलाव, 200 की जगह अब इंटरव्यू सिर्फ 100 नंबरों का

पिछली सरकार में फर्जीवाड़े का अड्डा बन चुका उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग लगता है कि अब बदलाव के रास्ते पर चलने की तैयारी कर रहा है। खबर है कि UP PCS परीक्षा के पैटर्न में आमूलचूल परिवर्तन की तैयारी चल है। खबर के अनुसार ये सभी परिवर्तन पीसीएस परीक्षा 2018 से लागू किए जा सकते हैं। 

क्या-क्या हो सकता है परिवर्तन?

1-खबर के अनुसार पीसीएस का पैटर्न UPSC के सिविल सर्विसेज एक्जाम के पैटर्न पर करने  की तैयारी है।
2-मुख्य परीक्षा में दो की बजाय अब एक वैकल्पिक विषय होंगे।
3-इंटरव्यू में धांधली को रोकने के लिए इंटरव्यू के 200 नंबर में 50 फीसदी कटौती की जाएगी। इंटरव्यू अब सिर्फ 100 नंबरों का ही होगा। यानी की मेरिट में मुख्य परीक्षा के अंकों का महत्व बढ़ जाएगा।
4-इंटरव्यू के लिए 1985 से अभ्यार्थियों को 21 दिन पहले नोटिस भेजी जाती थी लेकिन तकनीकी के युग में अब उन्हें 15 दिन पहले ही नोटिस भेजी जाएगी। 
5-परीक्षा के लिए आवेदन करने लिए ऑनलाइन समय जहां 21 दिन का होगा वहीं ऑफलाइन के लिए 28 दिन का वक्त मिलेगा।
खबर के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा के  पैटर्न में अभी कोई परिवर्तन नहीं होगा। प्री परीक्षा में पहले पेपर जीएस के आधार पर ही मेरिट बनेगी जब सी-सैट का दूसरा पेपर क्वालीफाइंग ही होगा। उम्मीद है कि आयोग के इस कदम से परीक्षा में पारदर्शिता बढ़ेगी और पिछले 5 सालों में छात्रों का जो विश्वास आयोग ने खो दिया  था वो उसे वापस मिलेगा। 
गौरतलब है कि समाजवादी सरकार में मुुख्य परीक्षा में स्केलिंग के नाम पर एक खास वर्ग को खूब फायदा पहुंचाने का आरोप लगा था। इसी तरह से इंटरव्यू में 200 में से अधिकतम 140 नंबर एक खास जातिवर्ग को देने का भी आरोप लगा और सलेक्शन में इसका साफ असर भी दिखाई दिया। जब 86 में 56 SDM एक खास जाति से ही सलेक्ट हो गए। इस मसले पर खूूब बवाल भी हुआ। यूपी चुनाव में ये बड़ा मुद्दा भी बना। इंटरव्यू के नंबर कम होने से उन छात्रों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है जो दिन-रात मेहनत कर अपनी इस ड्रीम जॉब को हासिल करना चाहते हैं लेकिन आयोग की बेईमानी के शिकार बन जाते हैं। 

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