Motivational Tips For Exam preparation In Hindi
पढ़ाई की एक खूबी है। जब इसे मजबूरी में करना पड़े तो ये बोझ बन जाती है। और अगर इच्छा से किया जाए तो दिललगी बन जाती है। ठीक वैसे ही है जैसे अगर आपको जबरन किसी लड़की या फिर लड़के से शादी करना पड़े तो आपके लिए ये शादी बोझ बन जाती है। और अगर आपने इच्छा से शादी की है तो ये जिंदगी को झिंगालाला बना देती है।
अब सवाल उठता है कि पढ़ाई से मोहब्बत कैसे की जाए? यानी पढ़ाई में मन कैसे लगाया जाए? दरअसल, पढ़ाई अगर आप इसलिए कर रहे हैं कि आपको इससे कुछ हासिल करना है तो आपको ये पढ़ाई बोझ लगने लगती है। क्योंकि आप इसलिए नहीं पढ़ रहे होते हैं कि आपको कुछ सीखना है बल्कि आप इसलिए पढ़ रहे होते हैं कि आपको कुछ हासिल करना है। हासिल करने का भाव आते ही सबसे पहले आपके मन में भय की उत्पत्ति होती है। ये भय कुछ केस में इतना भयावह हो जाता है कि आप आप पढ़ने से ही डरने लगते हैं। आपको लगता है कि अगर आपने इतनी पढ़ाई की और फिर भी आपको अपना लक्ष्य हासिल नहीं हुआ तो आप क्या करेंगे?
तो समझ में आया कि पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगता? ये भय आपको पढ़ने नहीं देता क्योंकि आपने पढ़ाई का सीधा संबंध अपने लक्ष्य से जोड़ दिया। और आप जब पढ़ रहे होते हैं तो आपके मन में पढ़ाई की गूढ़ बातों से ज्यादा आपके लक्ष्य की चिंता होती है।
आपको थ्री इडियट्स फिल्म तो याद होगी। जिसमें रणछोड़ दास छाछल यानी आमिर खान पढ़ाई इसलिए नहीं करता कि उसे कुछ हासिल करना है बल्कि वो इसलिए पढ़ाई करता है कि क्योंकि उसे पढ़ने में मजा आता है। बस आप भी इस पढ़ाई के साथ इस मजे को जोड़ दिए। देखिए आपकी जिंदगी भी बदल जाएगी। आपके मन का वो भय खत्म हो जाएगा जो आपको अपके लक्ष्य की ओर बढ़ने से रोक रहा है। तो उठिए। फैसला लीजिए। आप इसलिए नहीं पढ़ेंगे कि आपको कुछ हासिल करना है। आपको पढ़ना इसलिए क्योंकि आपको कुछ सीखना है। जबतक सीखेंगे आगे बढ़ेंगे। जिस दिन सीखना बंद। खेल खत्म।
पढ़ाई की एक खूबी है। जब इसे मजबूरी में करना पड़े तो ये बोझ बन जाती है। और अगर इच्छा से किया जाए तो दिललगी बन जाती है। ठीक वैसे ही है जैसे अगर आपको जबरन किसी लड़की या फिर लड़के से शादी करना पड़े तो आपके लिए ये शादी बोझ बन जाती है। और अगर आपने इच्छा से शादी की है तो ये जिंदगी को झिंगालाला बना देती है।
motivational quotes for exam preparation |
तो समझ में आया कि पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगता? ये भय आपको पढ़ने नहीं देता क्योंकि आपने पढ़ाई का सीधा संबंध अपने लक्ष्य से जोड़ दिया। और आप जब पढ़ रहे होते हैं तो आपके मन में पढ़ाई की गूढ़ बातों से ज्यादा आपके लक्ष्य की चिंता होती है।
आपको थ्री इडियट्स फिल्म तो याद होगी। जिसमें रणछोड़ दास छाछल यानी आमिर खान पढ़ाई इसलिए नहीं करता कि उसे कुछ हासिल करना है बल्कि वो इसलिए पढ़ाई करता है कि क्योंकि उसे पढ़ने में मजा आता है। बस आप भी इस पढ़ाई के साथ इस मजे को जोड़ दिए। देखिए आपकी जिंदगी भी बदल जाएगी। आपके मन का वो भय खत्म हो जाएगा जो आपको अपके लक्ष्य की ओर बढ़ने से रोक रहा है। तो उठिए। फैसला लीजिए। आप इसलिए नहीं पढ़ेंगे कि आपको कुछ हासिल करना है। आपको पढ़ना इसलिए क्योंकि आपको कुछ सीखना है। जबतक सीखेंगे आगे बढ़ेंगे। जिस दिन सीखना बंद। खेल खत्म।