दोस्तों, UPPSC ने RO/ARO EXAM 2016 की वेकेंसी का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. कमीशन ने 2017 के लिए जो कलेंडर जारी किया है उसके मुताबिक RO/ARO की मेंस परीक्षा 25 व 26 जून 2017 को है. यानी कि प्रारंभिक परीक्षा के लिए आपके पास ज्यादा वक्त नहीं है. ये आपके लिए एक बेहतीन मौका है क्योंकि 361 पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी हुआ है. अगर आप
RO/ARO परीक्षा 206 की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए जरुरी है कि आप UPPSC TARGET ग्रुप के एडमिन आलोक ह्यूमनिस्ट जी का ये आलेख जरूर पढ़े. आलोक जी PCS लोअर परीक्षा में सलेक्टेड हैं.
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आलोक ह्यूमनिस्ट
(पहली पोस्ट)
दोस्तों समीक्षा अधिकारी का चयन सिर्फ प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के आधार पर होता है। आप जानते ही होंगे कि इसमें साक्षात्कार नहीं होता। आइये पहले प्रारंभिक परीक्षा को समझते हैं..
प्रारंभिक परीक्षा 200 नंबरों का है और इसमें बहुविकल्पीय दो प्रश्नपत्र होंगे..
A. सामान्य अध्ययन- 140 प्रश्न ( 140 अंक)
B. हिंदी- 60 प्रश्न ( 60 अंक)
A. सामान्य अध्ययन- 140 प्रश्न ( 140 अंक)
B. हिंदी- 60 प्रश्न ( 60 अंक)
मैं
चाहूँगा की सबसे पहले आप गभीरता दिखाते हुए नीचे के सिलेबस को मार्केट से
जल्दी खरीद लीजिये। उसमें आपको सिलेबस के अलावा भी आयु, अर्हता, विशेष
विषयों से ग्रेजुएट के लिए आरक्षित पद और आरक्षण संबंधी बातें जानने को
मिलेंगी। अगर आप इस परीक्षा में सिर्फ बैठना ही नहीं बल्कि इसे पास करना
चाहते हैं तो सिलेबस को आप हर एक या दो दिन के अंतराल पर देख लिया करिये।
यकीन मानिए ऐसा करते रहने से आपके दिमाग में पूरी परीक्षा योजना हमेशा
घूमती रहेगी और स्वाभाविक रूप से आप तैयारी की योजना को अंतिम रूप देने में
दूसरों से दो कदम आगे रहेंगे।
अब अगला कदम है तैयारी की योजना बनाने का।
अब अगला कदम है तैयारी की योजना बनाने का।
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र की तैयारी-
दोस्तों
समीक्षा अधिकारी "सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र" बिलकुल वैसा ही है जैसा कि
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में होता है। तैयारी हेतु आवश्यक किताबों के नाम
आप नोट कर लीजिए.. इनमें से कुछ आपके पास होंगे और जो नहीं हैं उन्हें खरीद
लीजिये..
1. भारतीय भूगोल: एनसीईआरटी की कक्षा 11 की भौतिक पर्यावरण, परीक्षावाणी की भारतीय भूगोल और घटनाचक्र पूर्वावलोकन।
2. विश्व भूगोल: महेश बर्णवाल और घटनाचक्र पूर्वावलोकन।
3.
भारतीय अर्थव्यवस्था: प्रतियोगिता दर्पण अतिरिक्तांक और घटनाचक्र
पुनरावलोकन। अगर भारतीय अर्थव्यवस्था आप ने कभी नहीं पढ़ी है और कुछ कठिन
लगता है तो बेहतर होगा कि आप परीक्षावाणी की भारतीय अर्थव्यवस्था से शुरू
करें। इस किताबमें बहुत ही सरल और सुबोध भाषा में राष्ट्रिय आय, कृषि
आर्थिकी, बैंकिंग और पूँजी बाजार, विदेश व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक
संगठनों की अवधारणात्मक और तथ्यात्मक प्रस्तुति की गयी है। उसके बाद आप
चाहें तो प्रतियोगिता दर्पण की भारतीय अर्थव्यवस्था अतिरिक्ताङ्क पढ़ सकते
हैं।
4. संविधान के लिए वाणी की भारतीय राजव्यवस्था और घटनाचक्र पूर्वावलोकन।
5. कृषि के लिये घटनाचक्र की किताब 'कृषि प्रौद्योगिकी' और घटनाचक्र पूर्वावलोकन।
6.
इतिहास : यूनिक या स्पेक्ट्रम की भारतीय इतिहास, और विशेष रूप से से
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के जटिल तथ्यों के लिए किरण कॉम्पटीशन और घटनाचक्र
पूर्वावलोकन।
7. विज्ञान के लिए सिर्फ घटनाचक्र पूर्वावलोकन पर्याप्त है और घटनाचक्र समसामयिक वार्षिकी के विज्ञानं प्रौद्योगिकी खंड।
8. जनसंख्या और नगरीकरण के लिए सिर्फ वाणी की किताब।
9. उत्तर प्रदेश विशेष के लिए सिर्फ वाणी की किताब पर्याप्त है।
10.
समसामयिकी के लिए घटनाचक्र द्विमासिक पत्रिका या या क्रोनिकल समसामयिकी
(पतली वाली 30 रुपये की) पर्याप्त है। वैसे प्रिलिम परीक्षा से ठीक 15-20
दिन पहले घटनाचक्र समीक्षा अधिकारी वार्षिकी समसामयिकी जारी करेगा।केवल उसे
भी पढ़ लेंगे तो काम बन जाए और समय की बचत भी होगी। समसामयिकी जनवरी 2016
से 10 नवम्बर 2016 तक तैयार करियेगा।
दोस्तों
इसका "सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र" आसान कोटि का होता है और अगर आप ऊपर
बताई किताबों का समुचित अध्ययन कर लेंगे तो यकीन मानिये 140 में से 105+
प्रश्न बहुत आसानी से हल होंगे। मेरे ख्याल से 102 प्रश्न आमतौर पर
सुरक्षित माना जता है। पिछली बार मेरे 110 प्रश्न सही थे।
दोस्तों
"हिंदी प्रश्नपत्र" के लिए किताबों के नाम और स्ट्रेटेजी पर कल चर्चा
होगी। इस पोस्ट को दो तीन बार पढ़कर कहीं लिख लीजिये क्योंकि बार बार ऐसी
जानकारी नहीं मिलेगी।
और हाँ ये बस शुरुआत है मैं लगातार प्रारंभिक परीक्षा पर आपके साथ चर्चा करता रहूँगा। निश्चिन्त रहिये और अभी से लग जाइये।
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दिनांक-28 जुलाई 2016 को प्रकाशित
(दूसरी पोस्ट)
समीक्षा
अधिकारी परीक्षा पर ये मेरी दूसरी पोस्ट है। सबसे पहले तो मैं उम्मीद करता
हूँ कि अब तक आपने शिल्पी प्रकाशन का पाठ्यक्रम अब तक खरीद लिया होगा।
आइये
आज हिंदी प्रश्न पत्र पर चर्चा करते हैं। दोस्तों सबसे पहले तो आप विश्वास
कर लीजिए कि इसका हिंदी प्रश्रपत्र बहुत ही सरल कोटि का होता है। 60
नम्बरों और एक घंटे की अवधि वाले इस प्रश्नपत्र में आपसे सिर्फ छः बिंदुओं
पर प्रश्न पूछे जाएंगे जो इस प्रकार हैं...
1. विलोम (10 प्रश्न)
2. वर्तनी और वाक्य शुद्धि (10 प्रश्न)
3. अनेक शब्दों के एक शब्द ( 10 प्रश्न)
4. तस्सम और तद्भव (10 प्रश्न)
5. विशेष्य और विशेषण ( 10 प्रश्न )
6. पर्यायवाची शब्द (10 प्रश्न)
2. वर्तनी और वाक्य शुद्धि (10 प्रश्न)
3. अनेक शब्दों के एक शब्द ( 10 प्रश्न)
4. तस्सम और तद्भव (10 प्रश्न)
5. विशेष्य और विशेषण ( 10 प्रश्न )
6. पर्यायवाची शब्द (10 प्रश्न)
इस
प्रकार आपसे हिंदी के कुल 60 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे जिनमें से
प्रत्येक एक नंबर का होगा। हम हिंदी बेल्ट वाले ही हैं। अगर आप बिना विशेष
अध्ययन किये भी एक्जाम हाल में जाएंगे तो कम से कम 40 हल कर के आएंगे।
लेकिन किसी भी अच्छी किताब से आप इस छः बिंदुओं पर ज़रा सा काम कर लेंगे तो
आप बड़ी आसानी से 50+ हल करेंगे। लेकिन यहाँ सिर्फ वाहवाही तो नहीं लूटनी है
बल्कि फाइनल सेलेक्शन लेना है। हम सबमें ये समस्या है कि हिंदी को जरुरत
से अधिक आसान समझ लेते हैं। जबकि आयोग के साथ ये समस्या है कि उसे सरल
चीजों को भी कठिन बनाने में महारथ हासिल है। वो करता क्या है कि हिंदी के
किसी भी प्रश्न के चारों विकल्प ऐसे देता है कि उनमें अंतर करना थोड़ी टेढ़ी
खीर हो जाती है। आप समझिये कि अगर 60 में से 5 प्रश्नों के विकल्पों में भी
आप कंफ्यूज हो गये तो इसका मतलब है कि आप के कुल सही प्रश्न 50 से घट कर
45 पर आ जायेंगे और आप मुख्य परीक्षा से बाहर हो जायेंगे। इसलिए हिंदी पेपर
को हलके में मत लीजियेगा। बेशक हिंदी आसान है लेकिन मेहनत करने में ज़रा सी
चूक हुई तो काम बिगड़ते देर भी नहीं लगेगी।
इसलिए मैं सलाह दूंगा कि अगर मुख्य परीक्षा देनी है तो प्रिलिम के हिंदी प्रश्नपत्र में 55 + प्रश्न सही करने का लक्ष्य रखिये और ये बहुत आसान है। मैंने पिछली परिक्षा में ज़रा सी मेहनत कर के 57 प्रश्न सही किये थे।
आप समझिये कि अगर सामान्य अध्ययन पेपर में आप औसत प्रदर्शन करते हुए 98/140 प्रश्न भी सही करेंगे और हिंदी में 50 भी सही करेंगे तो हिंदी आपको संभाल लेगी क्योंकि तब आपका कुल स्कोर होगा 98+50= 148. वर्ष 2013 प्रिलिम का कटऑफ 148 था और 2014 में कटऑफ 142 था। मैंने ये गड़नाएं इसलिए की ताकि आप सत्य के समीप और सजग रहें।
इसलिए दुहराता हूँ कि हिंदी में 55 सही करने का लक्ष्य रखिये। अब सवाल है कि 55 सही करने के लिए किस किताब से पढ़ें, तो नीचे जो नाम मैं बता रहा हूँ उन्हें कल ही खरीद लीजिये..
इसलिए मैं सलाह दूंगा कि अगर मुख्य परीक्षा देनी है तो प्रिलिम के हिंदी प्रश्नपत्र में 55 + प्रश्न सही करने का लक्ष्य रखिये और ये बहुत आसान है। मैंने पिछली परिक्षा में ज़रा सी मेहनत कर के 57 प्रश्न सही किये थे।
आप समझिये कि अगर सामान्य अध्ययन पेपर में आप औसत प्रदर्शन करते हुए 98/140 प्रश्न भी सही करेंगे और हिंदी में 50 भी सही करेंगे तो हिंदी आपको संभाल लेगी क्योंकि तब आपका कुल स्कोर होगा 98+50= 148. वर्ष 2013 प्रिलिम का कटऑफ 148 था और 2014 में कटऑफ 142 था। मैंने ये गड़नाएं इसलिए की ताकि आप सत्य के समीप और सजग रहें।
इसलिए दुहराता हूँ कि हिंदी में 55 सही करने का लक्ष्य रखिये। अब सवाल है कि 55 सही करने के लिए किस किताब से पढ़ें, तो नीचे जो नाम मैं बता रहा हूँ उन्हें कल ही खरीद लीजिये..
1. हरदेव बाहरी की किताब
2. यूथ प्रकाशन का आर ओ/ ए आर ओ सामान्य हिंदी
3. एस आर पब्लिकेशन की समीक्षा अधिकारी हिंदी।( ये किताब मुख्य परीक्षा के लिए है लेकिन प्रिलिम के छः बिंदु इसमें हैं और ये बहुत ही कारगर है)
4. एस आर पब्लिकेशन और शिल्पी प्रकाशन का समीक्षा अधिकारी लास्ट इयर हिंदी साल्व्ड पेपर और प्रैक्टिस सेट।
आप की सहूलियत के लिए मैंने कुछ के कवर पिक नीचे दिए हैं। इतनी किताबें देखकर घबराइये मत। पढ़ना तो उन्हीं छः बिंदुओं को है बस अलग अलग किताबों से अभ्यास करने से आपकी मारक क्षमता बढ़ जायेगी।
धन्यवाद।
2. यूथ प्रकाशन का आर ओ/ ए आर ओ सामान्य हिंदी
3. एस आर पब्लिकेशन की समीक्षा अधिकारी हिंदी।( ये किताब मुख्य परीक्षा के लिए है लेकिन प्रिलिम के छः बिंदु इसमें हैं और ये बहुत ही कारगर है)
4. एस आर पब्लिकेशन और शिल्पी प्रकाशन का समीक्षा अधिकारी लास्ट इयर हिंदी साल्व्ड पेपर और प्रैक्टिस सेट।
आप की सहूलियत के लिए मैंने कुछ के कवर पिक नीचे दिए हैं। इतनी किताबें देखकर घबराइये मत। पढ़ना तो उन्हीं छः बिंदुओं को है बस अलग अलग किताबों से अभ्यास करने से आपकी मारक क्षमता बढ़ जायेगी।
धन्यवाद।
छोसी-सी अपील:-
दोस्तों आलोक जी हों या हम सभी हिन्दी मीडियम के ज्यादातर छात्र मध्यम और गरीब परिवारों से आते हैं. हम में से ज्यादातर की इतनी हैसियत नहीं होती कि दिल्ली जाकर महंगी कोचिंग कर सकें. लिहाजा अगर आप आलोक जी लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करते हैं तो ये बेहद ही सराहनी कदम होगा. बस आप नीचे फेसबुक शेयर का बटन दबाएं, बाकि काम फेसबुक खुद ही कर देगा.
दोस्तों आलोक जी हों या हम सभी हिन्दी मीडियम के ज्यादातर छात्र मध्यम और गरीब परिवारों से आते हैं. हम में से ज्यादातर की इतनी हैसियत नहीं होती कि दिल्ली जाकर महंगी कोचिंग कर सकें. लिहाजा अगर आप आलोक जी लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करते हैं तो ये बेहद ही सराहनी कदम होगा. बस आप नीचे फेसबुक शेयर का बटन दबाएं, बाकि काम फेसबुक खुद ही कर देगा.
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