Saturday, 18 February 2017

ज्यादा पढ़ाकू छात्रों को IAS क्यों नहीं चुनता UPSC? जरूर पढ़ें

दोस्तों हमारी टीम का मकसद सिर्फ आप लोगों का मार्गदर्शन करना नहीं है बल्कि वो गुढ़ बातें भी आपसे साझा करना है जिसकी वजह से सलेक्शन के चांसेज बहुत बढ़ जाते हैं. पिछले लेख में हमने आपको बताया कि IAS की तैयारी के लिए शुरुआत कैसे करें? (यहां पर Click करके आप पहला लेख पढ़ सकते हैं) जिसमें हमने आपको विस्तार से समझाने की कोशिश की. आइए अब तैयारी के पहले पड़ाव को विस्तार से समझते हैं. अगर आप इस पड़ाव के एक-एक बिन्दु को गहराई से समझ गए तो यकीन मानिए आपके सलेक्शन के चांसेज दूसरे की तुलना में 50 गुना बढ़ जाएंगे. आजमाया हुआ फॉर्मूला है, लिहाजा आप भी आजमा सकते हैं.

दरअसल, IAS की तैयारी शुरु करने से पहले हमें ये समझने की जरुरत है कि वो कौन-सी संस्था है जो हर साल IAS, IPS, IFS और Group-A और Group-B के लिए Officers का चयन करती है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? इसके पीछे भी लॉजिक है. दरअसल, जबतक आपको अपने दुश्मन का सही पता नहीं होगा आप उससे लड़ने के लिए जरुरी साजो-सामान से लेकर सही रणनीति नहीं बना पाएंगे. मसलन, अगर हमें पाकिस्तान से लड़ना है तो हमारी तैयारी अलग होगी, अगर चीन से लड़ना है तो तैयारी अलग होगी. लेकिन अगर अमेरिका और रूस से लड़ना है तो तैयारी का स्तर और साजो सामान बिल्कुल अलग होगा.

मतलब दुश्मन जितना बड़ा है तैयारी उतनी ज्यादा मजबूत होगी. PCS, SSC, BANK और One Day Examinations की नौकरी के लिए रणनीति बिल्कुल अलग होगी, ठीक उसी प्रकार जैसे पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान से लड़ने के लिए रणनीति होगी. लेकिन IAS की रणनीति बिल्कुल अलग. आप ये समझ लीजिए की जिस तरह से महाशक्ति बनने के लिए किसी भी देश के लिए अमेरिका को हराना जरुरी है, ठीक उसी प्रकार से देश की सबसे बड़ी नौकरी यानी IAS बनने के लिए आपको देश के सबसे ताकवतर संस्था UPCS (IAS बनाने के लिए देश में यही एक मात्र संस्थान हैं, लिहाजा छात्रों के लिए ये ही सबसे ताकतवर संस्थान है) को हराना ही होगा. हराने का मतलब है UPSC ने आपको रोकने के लिए जो प्रश्न पत्र तैयार किया है आपको उसका तोड़ निकालना होगा.


अच्छा एक आसान से सवाल का जवाब दीजिए. आपके IAS बनने में सबसे बड़ी बाधा कौन है? आपके मन में बहुत से जवाब आएंगे? लेकिन आपका ध्यान कभी भी इस बात पर नहीं जाएगा कि आपके सामने सबसे बड़ी बाधा UPSC है. UPSC ही आपको IAS बनने से रोक रहा है, बाकि कोई ऐसा नहीं है जो आपको रोक रहा है. 

दरअसल, जिस दिन आप ये समझ जाएंगे कि यूपीएसपी IAS उम्मीदवार के सलेक्शन के लिए परीक्षा नहीं लेता बल्कि उम्मीदवारों को छांटने के लिए परीक्षा लेता है उसी दिन से आपकी रणनीति बदल जाएगी. जी हां इस बात को गहराई से समझ लीजिए कि UPSC उन संभावित उम्मीदवारों को परीक्षा के माध्यम से छांट देता है जिसमें दूसरे के मुकाबले IAS बनने की क्षमता जरा भी कम होती है. इसका मतलब ये हुआ कि UPSC किसी भी छात्र को तुलनात्मक रूप से छांटता है. यही वजह है कि हर साल कमीशन की मेरिट अलग-अलग होती है. ऐसा नहीं है कि कमीशन ने एक लक्ष्मण रेखा खींच रखी है जो उसे पास करेगा उसे मसूरी का टिकट मिलेगा (जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि UPSC की परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को ट्रेनिंग के लिए Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration (LBSNAA), Mussoorie, Uttarakhand भेजा जाता है.


आपको ये समझना होगा कि IAS बनने की क्षमता सभी में होती है, किसी में कम किसी में ज्यादा. ये बात कमीशन भी जानता है. इसीलिए आप देखेंगे कि उसने सिविल सर्विसेज परीक्षा के लिए सिर्फ ग्रेजुएशन ही शैक्षिक योग्यता मांगी है. और इतना नहीं वो उम्मीदवार भी इस परीक्षा के लिए अप्लाई कर सकता है जो Third division पास हुआ हो. इससे साफ है कि कमीशन को ऐसे लोग नहीं चाहिए जो सिर्फ पढ़ाकू हों. अगर ऐसा होता तो कमीशन के लिए IAS चुनना बहुत आसान हो जाता. वो सिर्फ देश के चुनिंदा कॉलेज से उन लोगों को आवेदन के लिए मौका देता जो अपनी यूनिवर्सिटी के टॉपर होते. लेकिन ऐसा नहीं है तो ये निष्कर्ष है कि कमजोर छात्र भी IAS बन सकता है बशर्ते वो कमीशन के पैरामीटर पर खरा उतरता हो. कमीशन का पैरा मीटर क्या है? किस आधार पर कमीशन किसी को मसूरी का टिकट देता है? और किस आधार पर वो उसे रेस से बाहर कर देता है. अगले लेख में आपको बताएंगे. तबतक आप दूसरे लेख को पढ़िए.  

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