Friday, 26 February 2021

बंगाल का संक्षिप्त इतिहास, कैसे बना आज का पश्चिम बंगाल?

भारत की आजादी से पहले पश्चिम बंगाल, बंगाल प्रांत का हिस्सा था। ये भारत का सबसे समृद्ध प्रांत था। आजादी के बाद इसे पश्चिम बंगाल नाम दिया गया। कोलकाता इसकी राजधानी है। कोलकाता पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा शहर है। आइए आपको संक्षिप्त में बताते हैं कि क्या है पश्चिम बंगाल का इतिहास? कैसे बंगाल से अलग होकर बना पश्चिम बंगाल?

सिकंदर के समय गंगारिदरी साम्राज्य

सिकंदर के आक्रमण के समय बंगाल में गंगारिदयी नाम का साम्राज्‍य था। गुप्‍त तथा मौर्य सम्राटों का बंगाल पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। बाद में शशांक बंगाल नरेश बना। कहा जाता है कि उसने सातवीं शताब्‍दी के पूर्वार्द्ध में उत्तर-पूर्वी भारत में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। उसके बाद गोपाल ने सत्ता संभाली और पाल राजवंश की स्‍थापना की।

बंगाल में पाल और सेन राजवंश का साम्राज्य

पालों ने विशाल साम्राज्‍य खड़ा किया और चार शताब्‍दियों तक राज्‍य किया। पाल राजाओं के बाद बंगाल पर सेन राजवंश का अधिकार हुआ, जिसे दिल्‍ली के मुस्‍लिम शासकों ने परास्‍त किया। 

बंगाल पर मुगल शासकों का राज

सोलहवीं शताब्‍दी में मुगलकाल के प्रारंभ से पहले बंगाल पर अनेक मुसलमान राजाओं और सुल्तानों ने शासन किया। इख़्तियारुद्दीन मुहम्मद बंगाल का पहला मुसलमान विजेता था।

मुगलों के बाद यूरोपीय कंपनियों का कब्जा

मुगलों के पश्‍चात् आधुनिक बंगाल का इतिहास यूरोपीय तथा अंग्रेजी व्‍यापारिक कंपनियों के आगमन से आरंभ होता है।

प्लासी के युद्ध ने बदला भारत का इतिहास

सन् 1757 में प्‍लासी के युद्ध ने इतिहास की धारा को मोड़ दिया जब अंग्रेजों ने पहले-पहल बंगाल और भारत में अपने पांव जमाए।

1905 में बंगाल का पहला विभाजन 

सन् 1905 में राजनीतिक लाभ के लिए अंग्रेजों ने बंगाल का पहला विभाजन कर दिया लेकिन कांग्रेस के नेतृत्‍व में लोगों के बढ़ते हुए आक्रोश को देखते हुए 1911 में बंगाल को फिर से एक कर दिया गया। इससे स्‍वतंत्रता आंदोलन की ज्‍वाला और तेजी से भड़क उठी, जिसका पटाक्षेप 1947 में देश की आजादी और विभाजन के साथ हुआ।

1947 में बंगाल का दूसरा विभाजन

1947 में जब भारत का बंटवारा हुआ तो बंगाल का एक बार फिर विभाजन हुआ। भारतीय हिस्से वाला भाग पश्चिम बंगाल बना, क्योंकि ये बंगाल का पश्चिमी भाग था। जबकि बंगाल का पूर्वी भाग पूर्वी पाकिस्तान बना। क्योंकि ये पाकिस्तान के पूर्व में स्थित था। 

कैसे बना पश्चिम बंगाल?

1947 के बाद देशी रियासतों के विलय का काम शुरू हुआ और राज्‍य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की सिफारिशों के अनुसार पड़ोसी राज्‍यों के कुछ बांग्‍लाभाषी क्षेत्रों को भी पश्‍चिम बंगाल में मिला दिया गया। और इस तरह से वर्तमान पश्चिम बंगाल की स्थापना हुई। 

Thursday, 11 February 2021

चमोली ग्लेशियर त्रासदी के लिए क्या चीन जिम्मेदार है? मेजर सरस त्रिपाठी का विश्लेषण

07 फरवरी 2021 को जो कुछ भी चमोली में हुआ उसके विषय में आप लोग अभी तक अच्छी तरह से जानते होंगे। लेकिन क्या आपने सोचा कि यह चीन द्वारा कृत्रिम रूप से किया हुआ कुकृत्य हो सकता है? नहीं ना? लेकिन हां संसार के बड़े-बड़े बुद्धिजीवी इस विषय पर विचार कर रहे हैं? भारत सरकार भी इस विषय में सशंकित है परंतु अपने विचार व्यक्त नहीं कर रही है? Wadia Institute of Himalyan Geology के निदेशक कलाचन्द सांई ने इस दुर्घटना पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि यह फरवरी में कैसे हो सकती है। केन्द्रीय जल आयोग के निर्देशक शरद चन्द्र ने भी इस दुर्घटना के समय पर आश्चर्य व्यक्त किया है। आज (09 फरवरी 2021) में The Hindu में प्रकाशित एक लेख में उन्हें उद्धृत करते हुए कहा गया है कि एकाएक ऐसा होना आश्चर्यजनक है जबकि हर 24 घंटे सेटेलाइट इमेज की समीक्षा होती है और एक दिन पूर्व ऐसे कोई लक्षण दिखाई नहीं देता। कनाडा के कालगेरी विश्वविद्यालय के जिओमारफोलाजिसट डाक्टर डैन शुगर भी इसे काफी रहस्यमय मानते हैं।
आर्मी के भूतपूर्व ऑफिसर मेजर (रि) सरस त्रिपाठी
आज से कई महीने पहले मैंने एक पोस्ट लिखा था जिसकी लिंक भी यहां दे रहा हूं जिसमें मैंने भारत के एक अत्यंत खतरनाक हथियार #काली/ KALI (Kilo Ampere Linear Injector) के विषय में बताया था। तब तक यह माना जाता था कि काली सिर्फ भारत और अमेरिका के पास है। किंतु चीन इस विषय पर बहुत गंभीरता से रिसर्च कर रहा था और क्योंकि चीन के पास संसार की अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी है, ऐसी संभावना है कि उसने काली जैसा कोई हथियार बना लिया है। काली यानी किलो एंपियर लीनियर इंजेक्टर। यह अत्यंत शक्तिशाली लेजर बीम है जो ग्लेशियर को बिना किसी आवाज या विस्फोटक को लगाए सर्जिकल सूक्ष्मता (surgical precision) से काट सकती हैं। इस विषय पर गंभीरता से विचार करना होगा कि ग्लेशियर क्या कभी सर्दियों में भी खिसक सकते हैं ग्लेशियर और हिमालयन स्टडीज के जितने भी विशेषज्ञ हैं उनमें से किसी को यह बात समझ में नहीं आ रही है कि फरवरी के महीने में जब बर्फ चट्टान की तरह एक दूसरे से चिपकी रहती है, उस समय ग्लेशियर कैसे टूट सकता है? आमतौर पर ग्लेशियर के खिसकने की घटनाएं अप्रैल-मई के बाद होती हैं जब उत्तरी गोलार्ध में गर्मी का आगमन हो जाता है या गर्मी पड़ने लगती है। इस समय तो लगभग प्रतिदिन यहां घनघोर हिमपात होता रहता है तो ऐसे समय में ग्लेशियर कैसे टूट सकता है। ग्लेशियर का तापक्रम -50 से -70 (माइनस 50-70) डिग्री सेल्सियस होता है। इतनी बृहत चट्टानें जो एक दूसरे से इतनी सघनता से जुड़ी हुई है कैसे टूट सकते हैं।

तो क्या इसमें चीन का हाथ है? हां इसकी बहुत प्रबल संभावना है। उसके कारण नीचे दिए जा रहे हैं:

1.भारत ने 2018 काली का प्रयोग करके सियाचिन ग्लेशियर के उस हिस्से को काट दिया था जिसके नीचे पाकिस्तान सेना का एक बटालियन हेडक्वार्टर था। परिणामस्वरूप पूरा का पूरा बटालियन हेड क्वार्टर, जिसमें लगभग 135 लोग थे, ग्लेशियर के नीचे दब कर मर गए थे। उन्हें यह भी समझ में नहीं आया था कि यह सब कैसे हुआ हो सकता है। विदेशी विशेषज्ञों ने इसका आरोप भारत पर लगाया था और कहा था कि भारत ने काली का प्रयोग कर ग्लेशियर को काट दिया जिससे वह टूटकर के नीचे चले गए और पूरे के पूरे बटालियन हेड क्वार्टर को नष्ट कर दिया। शंका है कि चीन ने इसी तकनीक का प्रयोग कर उत्तराखंड में इस त्रासदी का षड्यंत्र किया है।

2. दूसरा चीन से अधिक पानी की शक्ति को दुनिया में कोई भी देश पहचान नहीं पाया है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि चीन के पास दुनिया में सबसे अधिक बांध (Dam) है चीन के पास लगभग 22000 बड़े बांध है और लगभग 58000 छोटे बांध है। दूसरे नंबर पर बांधों की संख्या में अमेरिका आता है जिसके पास लगभग 75,000 बांध है। चीन पानी की शक्ति से भारत के बड़े हिस्से को डुबाने की स्थिति में है क्योंकि भारत आने वाली अधिकतर नदियों का उद्गम तिब्बत में है जो इस समय चीन के कब्जे में है। अकेले ब्रह्मपुत्र पर उसने इतने बड़े-बड़े बांध बनाए हैं कि अगर वह इस जल को छोड़ दें तो संभवतः संपूर्ण उत्तर पूर्व और पूर्वी भारत डूब सकता है। दुनिया के सबसे बड़े और खतरनाक बांध जैसे three gorges dam जो कि यांगत्सी नदी पर बना हुआ है, चीन में ही है।

3. चीन के दो राष्ट्रपति हाइड्रोलॉजिस्ट रहे हैं, और अधिकतर इंजिनियर।। इस विषय पर मैंने विस्तृत निबंध लिखा है जो मेरी आने वाली पुस्तक का हिस्सा है परंतु विस्तार के कारण इसको यहां नहीं लिखा जा सकता। चीन के यह दोनों राष्ट्रपति हैं: वेन जिआबाओ और हुन जिंताओ।
इन्होंने जल किस शक्ति को समझा और जल शक्ति के विकास पर बहुत अधिक ध्यान दिया। यही कारण है कि चीन आज संसार की सबसे बड़ी जल शक्ति है चाहे वह बांधों का निर्माण हो, हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर का उत्पादन हो या जल को नियंत्रित कर नदियों के डाउनस्ट्रीम में उनका एक रणनीतिक उपयोग करने की विद्या हो। चीन से अधिक निपुणता और निहित शक्ति (skill and potential) किसी देश में नहीं है।

4. चौथा कारण यह है कि जहां पर यह ग्लेशियर टूटा है वह चीन की सीमा के बिल्कुल निकट है । रक्षा विशेषज्ञों ने पहले ही इस बात की संभावना व्यक्त की थी कि यदि चीन तिब्बत में यानी लद्दाख क्षेत्र में भारत के साथ कुछ ज्यादा नहीं कर पाता तो वह अरुणाचल या किसी अन्य क्षेत्र में नए मोर्चे खोल सकता है। यह चीन के नए मोर्चा खोलने का एक हिस्सा लगता है। बिना एक भी सैनिक के उसने भारत के अरबों-खरबों रुपए का नुकसान किया है। तपोवन में बन रहा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है। पहले से ही निर्मित एक बांध पूरी तरह से बह गया है। 200 से अधिक लोगों के मर जाने की संभावना है। चीन की गणना में यह एक बहुत बड़ी तबाही हो सकती थी लेकिन डाउन स्ट्रीम खाली होने के कारण उसने इस जल प्रवाह को अपने में समाहित कर लिया। परिणामस्वरूप जो त्रासदी ऋषिकेश, हरिद्वार और उसके आगे मैदानी इलाकों में हो सकती थी वह कम हो गई। 

चीन ने ऐसा करके अपने बहुत सारे उद्देश्यों को पूरा किया है। एक, उसने भारत को बहुत ही अनपेक्षित नुकसान पहुंचाया है। दो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार धाम सड़क परियोजना के ऊपर प्रश्नचिन्ह लगाने के लिए पर्यावरणविद लोगों को काफी मसाला प्रदान कर दिया है। चीन का उद्देश्य है कि भारत के अंदर ही सरकार का अधिक से अधिक विरोध हो। चीन नहीं चाहता कि चारधाम परियोजना के अंतर्गत सड़के बने क्योंकि यह हमारे लिए रणनीतिक महत्व की भी है। तीसरा उसने यह दिखा दिया है कि वह युद्ध सिर्फ सेना, गोला-बारूद, हथियार, मिसाइल और हवाई जहाज से ही नहीं, जल से भी लड़ सकता है।

लेकिन सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि हमारे देश के अधिकतर लोग इन बातों को नहीं समझते। बहुत से लोग तो अति उत्साह में बस चिल्लाना शुरू कर चुके हैं कि यह पेड़ काटने से हुआ है, बांध बनाने से हुआ है और सारी परियोजनाएं रोक देनी चाहिए। ऐसे लोग न सिर्फ मानसिक मोतियाबिंद (mental myopia) से ग्रस्त हैं बल्कि दुश्मनों अनजाने ही एक सहयोग प्रदान कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण भी महत्वपूर्ण है और संभव है कि यह घटना प्राकृतिक हो। परंतु यह चीन की जल रणनीति का यह एक हिस्सा भी हो सकता है। 

नोट- ये लेख मेजर (रि) सरस त्रिपाठी जी की फेसबुक वॉल से साभार लिया  गया है। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं। 

#sarastripathi
#majorsarastripathi

Saturday, 6 February 2021

UPPSC PCS 2021: 416 Vacancies के लिए 5 मार्च 2021 से पहले करें आवेदन

 

सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पी.सी.एस.) परीक्षा-2021,

तथा

सहायक वन संरक्षक (ए.सी.एफ.)/क्षेत्रीय वन अधिकारी (आर.एफ.ओ.) सेवा परीक्षा-2021

ऑनलाइन आवेदन प्रारम्भ होने की तिथि: 05/02/2021

आनलाइन परीक्षा शुल्क बैंक में जमा करने की अन्तिम तिथि: 02/03/2021

आनलाइन आवेदन स्वीकार (Submit) किये जाने की अन्तिम तिथिः 05/03/2021

महत्वपूर्ण

1.सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा परीक्षा-2021 हेतु आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा परीक्षा की द्वितीय अवस्था अर्थात मुख्य परीक्षा (लिखित) एवं साक्षात्कार में प्रवेश हेतु उन्हें सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा-2021 में शामिल होना होगा एवं उसे उत्तीर्ण करना होगा।

2. सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा परीक्षा एवं सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा हेतु इच्छुक अभ्यर्थियों को पात्रता सम्बन्धी आवश्यक माप दण्डों की पूर्ति हेतु एक ही (कॉमन) आनलाइन आवेदन करना होगा।

3. यदि किसी भी स्तर पर अभ्यर्थी द्वारा कोई वांछित@आवश्यक सूचना छिपायी जाती है अथवा उसका मिथ्या निरूपण किया जाता है तो उसका अभ्यर्थन निरस्त किया जा सकता है तथा उसके विरूद्ध अन्य उचित कार्यवाही जैसे प्रतिवारण आदि प्रारम्भ की जा सकती है।


विशेष सूचना:- 

(क) “बैंक में शुल्क जमा करने की अन्तिम तिथि तक अभ्यर्थियों द्वारा निर्धारित शुल्क जमा करने की ही दशा में उनका आन लाइन आवेदन स्वीकार होगा। यदि निर्धारित अन्तिम तिथि के बाद बैंक में शुल्क जमा किया जाता है तो अभ्यर्थी का आन लाइन आवेदन स्वीकार नहीं होगा तथा जमा किया गया शुल्क किसी भी दशा में वापस नहीं होगा। निर्धारित अन्तिम तिथि तक शुल्क बैंक में जमा करना तथा निर्धारित अन्तिम तिथि तक आवेदन ‘Submit’ करने का दायित्व अभ्यर्थी का है। यह भी सूचित किया जाता है कि परीक्षा शुल्क के रूप में जमा की गई कोई भी धनराशि किसी भी दशा में वापस नहीं की जायेगी।” 

(ख) आनलाइन आवेदन हेतु अभ्यर्थियों को निर्धारित कालम में अपना मोबाइल नं0 और मान्य ई-मेल आईडी देना होगा जिसके बिना उनका Basic Registration पूरा नहीं होगा। इसी मोबाइल नं0 पर भविष्य में सभी सूचनाएं/निर्देश एस एम एस द्वारा भेजे जायेंगे तथा ई-मेल उनके मान्य ई-मेल आईडी पर प्रेषित किये जायेंगे।

आन-लाइन आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक सूचना

      यह विज्ञापन आयोग की Website http://uppsc.up.nic.in पर भी उपलब्ध है। इस विज्ञापन में आवेदन करने हेतु ‘आन-लाइन’ आवेदन पद्दति (ON-LINE APPLICATION SYSTEM) लागू है। अन्य किसी माध्यम से प्रेषित आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेंगे। अतएव अभ्यर्थी आन-लाइन आवेदन ही करें।

“आन-लाइन आवेदन” करने के सम्बन्ध में अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि वे निम्नलिखित निर्देशो को भलीभाँति समझ लें और तद्नुसार आवेदन करें:-

1. आयोग की Website http://uppsc.up.nic.in पर “ALL NOTIFICATIONS/ ADVERTISEMENTS” अभ्यर्थी द्वारा Click करने पर ON-LINE  ADVERTISEMENT स्वतः प्रदर्शित होगा, जिसमें निम्नलिखित तीन भाग हैं:-

            (i) User Instructions

            (ii) View Advertisement

            (iii) Apply                          

      उन समस्त विज्ञापनों की सूची प्रदर्शित होगी जिनमें “आन-लाइन आवेदन पद्धति” लागू है। User Instruction में अभ्यर्थियों को आन-लाइन फार्म भरने से सम्बन्धित दिशा-निर्देश दिये गये हैं। अभ्यर्थी इनमें से जिस विज्ञापन को देखना चाहें, उसके सामने “View Advertisement” को Click करें। ऐसा करने पर पूरे विज्ञापन के साथ आन-लाइन आवेदन की प्रक्रिया से सम्बन्धित Sample Snapshots भी प्रदर्शित होंगे। आनलाइन आवेदन हेतु “Apply” पर Click करें।

“आन-लाइन आवेदन” करने का कार्य निम्नांकित तीन स्तरों पर किया जायेगाः-

प्रथम स्तर- Apply click करने पर परीक्षा के सापेक्ष ‘Candidate Registration’ प्रदर्शित होगा तथा ‘Candidate Registration’ Click करने पर Basic Registration Form प्रदर्शित होगा। Basic Registration Form भरने के पश्चात् Submit बटन पर Click करने से पूर्व अभ्यर्थी भरी गई सूचनाओं को भली भांति जाँच लें एवं यदि कोई संशोधन करना हो तो “Edit” button पर क्लिक करें। भरी गई सूचनाओं से सन्तुष्ट होने के पश्चात् ’Submit’ button पर Click करें, जिसके फलस्वरूप प्रथम चरण का पंजीकरण पूर्ण हो जायेगा। तत्पश्चात् ’Print Registration Slip’ प्रदर्शित होगी, जिस पर click करके Registration Slip की प्रिन्ट प्राप्त कर लें।

द्वितीय स्तर- प्रथम चरण की प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात् स्क्रीन पर ’Click here to proceed for payment’ कैप्शन के साथ ‘Fee to be deposited [in INR]’ प्रदर्शित होगा। उक्त कैप्शन पर क्लिक करने के पश्चात् स्टेट बैंक MOPS (Multi option Payment System) का Home Page प्रदर्शित होगा जिस पर भुगतान के तीन माध्यम (Mode) प्रदर्शित होंगे (i) NET BANKING (ii) CARD PAYMENTS (iii) OTHER PAYMENT MODES उक्त माध्यमों में से किसी एक माध्यम द्वारा निर्धारित परीक्षा शुल्क जमा करने के पश्चात् “Payment Acknowledegment Receipt (PAR)” प्रदर्शित होगी जिसमें परीक्षा शुल्क जमा करने का पूरा विवरण अंकित रहेगा, इसकी प्रिन्ट ‘Print payment Receipt’ पर क्लिक करके प्राप्त कर लें।

तृतीय स्तर- द्वितीय चरण की प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात् ‘Proceed for final submission of application form’ पर क्लिक करने पर फार्मेट प्रदर्शित होगा। उक्त फार्मेट में आनलाइन सूचनाएं भरनी होंगी तथा फोटो व हस्ताक्षर स्कैन करके अपलोड करना होगा। अभ्यर्थी अपनी फोटो व हस्ताक्षर निर्धारित साइज (साइज का उल्लेख आन लाइन आवेदन में निर्धारित स्थान पर होगा) में ही स्कैन करें। यह भी ध्यान रखें कि फोटो नवीनतम और आवक्ष (Chest) तक होनी चाहिये। यदि फोटो व हस्ताक्षर निर्धारित आकार में स्कैन करके Upload नहीं किया जाता है तो आवेदन को आनलाइन सिस्टम स्वीकार नहीं करेगा। फोटो व हस्ताक्षर स्कैन करके अपलोड करने की प्रक्रिया परिशिष्ट-1 में दी गई है। आवेदन प्रारूप पर सभी प्रविष्टियां अंकित करने के बाद “PREVIEW” को Click करके अभ्यर्थी अपने द्वारा भरी गई सूचनाओं को देख लें कि सभी सूचनायें सही-सही भरी गई हैं और पूरी तरह सन्तुष्ट होने के बाद ही आनलाइन आवेदन आयोग को प्रेषित करने हेतु “Submit” बटन को Click करें। अभ्यर्थी द्वारा समस्त सूचनायें सही-सही निर्देशानुसार आन-लाइन फार्मेट में भरकर आवेदन जमा करने की निर्धारित अंतिम तिथि तक “Submit” बटन को Click करना आवश्यक है, यदि अभ्यर्थी द्वारा “Submit” बटन को Click नहीं किया जायेगा तो आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी नहीं होगी तथा इसका दायित्व अभ्यर्थी का होगा। “Submit” बटन को Click करने के पश्चात् आवेदन का प्रिन्ट लेकर अभ्यर्थी इसे अपने पास सुरक्षित रखें। किसी विसंगति की दशा में उक्त प्रिन्ट आयोग कार्यालय में अभ्यर्थी को प्रस्तुत करना होगा अन्यथा अभ्यर्थी का अनुरोध स्वीकार नहीं किया जायेगा। अभ्यर्थियों को यह स्पष्ट किया जाता है कि प्रारम्भिक परीक्षा के स्तर पर वे अपने अभिलेख एवं ऑनलाइन आवेदन सम्बन्धी हार्ड कापी आयोग को प्रेषित न करें।

 

2. आवेदन शुल्कः- आन लाइन आवेदन की प्रक्रिया में प्रथम चरण की कार्यवाही पूर्ण करने के पश्चात् द्वितीय चरण में दिये गये निर्देशों के अनुसार श्रेणीवार परीक्षा शुल्क जमा करें। प्रारम्भिक परीक्षा हेतु श्रेणीवार निर्धारित शुल्क निम्नानुसार हैं:-

(i)-   अनारक्षित/आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग/ :   परीक्षा शुल्क रू0 100/- + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क रू0 25/-

     अन्य पिछड़ा वर्ग                       योग = रू0 125/-

(ii)-  अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति   :   परीक्षा शुल्क रू0 40/- + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क रू0 25/-

                                          योग = रू0  65/-

(iii)-  दिव्यांग श्रेणी                     :   परीक्षा शुल्क NIL + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क रू0 25/-

                                          योग = रू0 25/-

(iv)- भूतपूर्व सैनिक                     :   परीक्षा शुल्क रू0 40/- + आनलाइन प्रक्रिया शुल्क रू0 25/-

                                          योग = रू0  65/-

(v)-  स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित/    :   अपनी मूल श्रेणी के अनुसार

     महिला

 

3. ऐसे अभ्यर्थी, जो उ.प्र. लोक सेवा आयोग से प्रतिवारित किये गये हैं तथा उनकी प्रतिवारण अवधि समाप्त नहीं हुयी है, उनका Basic Registration स्वीकार्य नहीं होगा। यदि प्रतिवारण सम्बन्धी तथ्यों को छिपाकर आवेदन कर भी देते हैं तो भविष्य में किसी भी स्तर पर यह तथ्य प्रकाश में आने पर न केवल इस परीक्षा हेतु उनका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया जायेगा वरन् उन्हें समस्त आगामी परीक्षाओं/चयनों से प्रतिवारित करने/प्रतिवारण अवधि बढ़ाये जाने के बारे में आयोग द्वारा विचार किया जायेगा। अभ्यर्थियों द्वारा इस सम्बन्ध में अपने आवेदन में किया गया दावा सत्य नहीं पाये जाने पर आयोग द्वारा उन्हें प्रश्नगत परीक्षा तथा भविष्य में आयोजित होने वाली समस्त परीक्षाओं/चयनों से प्रतिवारित करने की कार्यवाही तथा अन्य दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकती है।

4. सबमिट किये गये आवेदन में संशोधनः आनलाइन आवेदन Submit करने के बाद यदि किसी अभ्यर्थी को Submit किये जा चुके आवेदन में किसी त्रुटि का ज्ञान होता है तो परीक्षा का नाम एवं भर्ती का प्रकार, Registered Mobile Number, E-mail ID, Aadhaar Number तथा ऐसे मामले जिनमें संशोधित श्रेणी का शुल्क अधिक है, को छोड़कर (इन प्रविष्टियों में त्रुटि करने की दशा में अभ्यर्थी निर्धारित शुल्क के साथ ही नया ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं क्योंकि पूर्व में जमा किया गया शुल्क किसी भी दशा में समायोजित / वापस नही किया जायेगा।) इसे ऑनलाइन आवेदन जमा करने की निर्धारित अंतिम तिथि के पूर्व संशोधित करने हेतु अभ्यर्थियों को एक अवसर अनुमन्य है, जिसकी प्रक्रिया निम्नानुसार हैः-

      “अभ्यर्थी को Candidate Segment में ‘Online application process’ के अन्तर्गत ‘Modify Submitted Application’ को क्लिक (Click) करना होगा, Click करने के पश्चात् “Candidate Personal Details” Screen प्रदर्शित होगी जिसमें अभ्यर्थी को रजिस्ट्रेशन नं0, जन्मतिथि (Date of Birth), लिंग (Gender), निवास (Domicile) तथा श्रेणी (Category) भरनी होगी तत्पश्चात् Verification Code अंकित करने के बाद Proceed Button पर क्लिक करना होगा, जिसके पश्चात् अभ्यर्थी का ‘Authentication’ OTP (One Time Password) के द्वारा होगा। OTP अभ्यर्थी के रजिस्टर्ड मोबाइल नं0 पर भेजा जायेगा जिसे अभ्यर्थी Option Box में भरेगा। इसके पश्चात् ‘Proceed’ बटन को क्लिक करने पर पूर्व में Submit आनलाइन आवेदन (Online Application Form) प्रदर्शित होगा। इस Online Application Form में वांछित संशोधन यथास्थान करने के उपरान्त अभ्यर्थी द्वारा Online Application Form Submit किया जा सकता है। यह सुविधा अभ्यर्थियों को Online Application Form Submit करने की अन्तिम तिथि तक केवल एक बार ही अनुमन्य होगी।”

 

5. उ.प्र. लोक सेवा आयोग सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा मुख्य (लिखित) परीक्षा-2021 तथा सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा मुख्य (लिखित) परीक्षा-2021 जिनका आयोजन आयोग द्वारा अलग-अलग किया जायेगा) में प्रवेश के लिए उपयुक्त अभ्यर्थियों का चयन करने हेतु इस विज्ञापन के परिशिष्ट-2 में उल्लिखित जिलों के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर एक सम्मिलित प्रारम्भिक परीक्षा का आयोजन करेंगे। चयन मुख्य परीक्षा (लिखित परीक्षा) तथा साक्षात्कार (कुछ पदों पर केवल लिखित परीक्षा) में प्राप्त अंकों के कुल योग के आधार पर होगा। कतिपय पदों पर चयन उनकी सेवानियमावलियों में दी गई व्यवस्था के अनुसार केवल लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जायेगा। आयोग द्वारा अभ्यर्थियों को परीक्षा की तिथि तथा केन्द्र की सूचना ई-प्रवेश पत्र के माध्यम से दी जायेगी। प्राप्त आवेदन पत्रों की संख्या के आधार पर आयोग के निर्णयानुसार जिला/केंद्रों की संख्या घटाई/बढ़ाई जा सकती है।

 

6. रिक्तियों की संख्याः- वर्तमान में सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा हेतु रिक्तियों की संख्या लगभग 400 हैं। सहायक वन संरक्षक पद के लिए रिक्तियों की संख्या 01 है तथा क्षेत्रीय वन अधिकारी पद हेतु रिक्तियों की संख्या 15 है। रिक्तियों की संख्या परिस्थितियों एवं आवश्कतानुसार घट/बढ़ सकती है।

रू. 9300-34800 ग्रेड पे रू. 4600 (केवल नायब तहसीलदार ग्रेड पे रू. 4200) से रू. 15600-39100 ग्रेड पे रू 5400 तक (छठवें वेतन आयोग के अनुसार) के वेतनमान के पद सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा में सम्मिलित किये जाते हैं जिनका विवरण इस प्रकार है:-

डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक, खण्ड विकास अधिकारी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, असिस्टेन्ट कमिश्नर (वाणिज्य कर), जिला कमाण्डेन्ट होमगार्ड्स, कोषाधिकारी/लेखाधिकारी (कोषागार), गन्ना निरीक्षक एवं सहायक चीनी आयुक्त, जिला गन्ना अधिकारी, 0प्र0 कृषि सेवा समूह '' (विकास शाखा), अधीक्षक कारागार, प्रबन्धक ऋण (लघु उद्योग), प्रबन्धक विपणन एवं आर्थिक सर्वेक्षण (लघु उद्योग), अधिशासी अधिकारी श्रेणी-1/सहायक नगर आयुक्त, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी/सह जिला विद्यालय निरीक्षक एवं अन्य समकक्षीय प्रशासनिक पद, सहायक निदेशक उद्योग (विपणन), सहायक श्रमायुक्त, वरिष्ठ प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), अभिहित अधिकारी, सहायक आयुक्त उद्योग, सांख्यिकी अधिकारी, सहायक लेखाधिकारी (कोषागार), वाणिज्य कर अधिकारी, जिला अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, कार्य अधिकारी (पंचायती राज), उप सचिव (आवास एवं शहरी नियोजन), क्षेत्रीय राशनिंग अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, नायब तहसीलदार, जिला बचत अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, लेखा अधिकारी (नगर विकास), जिला पूर्ति अधिकारी श्रेणी-2, अपर जिला विकास अधिकारी (समाज कल्याण), यात्रीकर/मालकर अधिकारी, जिला दिव्यांग जन सशक्तीकरण अधिकारी, सहायक जिला रोजगार सहायता अधिकारी, लेखाधिकारी (स्थानीय निकाय), क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी, सहायक निबन्धक (सहकारिता), उप निबन्धक, सहायक सेवायोजन अधिकारी (परिवहन), जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला प्रशासनिक आधिकारी, जिला लेखा परीक्षा अधिकारी (वित्त लेखा परीक्षा अनुभाग), सहायक नियंत्रक विधिक माप विज्ञान (ग्रेड-1 एवं ग्रेड-2), जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी, आबकारी निरीक्षक, बाल विकास परियोजना अधिकारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, उपकारापाल, सहायक शोध अधिकारी (लोक निर्माण विभाग), प्राविधिक सहायक (रसायन) तथा वित्त एवं लेखाधिकारी, सहायक निदेशक (उद्यान), प्रबन्धक (प्रशासन/सामान्य), सहायक भण्डार क्रय अधिकारी (औद्योगिक विकास विभाग)।

उपर्युक्त में से जिन पदों के अधियाचन प्राप्त हो चुके हैं उन्हें परीक्षा हेतु सम्मिलित कर लिया गया है शेष पदों में से जिनके अधियाचन प्रारम्भिक परीक्षा के परिणाम आने के पूर्व प्राप्त हो जायेंगे, इस परीक्षा में सम्मिलित किये जा सकते हैं।

सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा परीक्षा के अन्तर्गत वेतनमान, ग्रेड पे तथा पद की प्रास्थिति निम्नवत हैः-

 

क्र0 सं0

पद का नाम              

वेतनमान/ग्रेड पे/पद की प्रास्थिति

1.

सहायक वन संरक्षक    

रू.15,600/- से रू.39,100/- ग्रेड पे- रू.5400/-, लेवल-10 इन द पे मैट्रिक्स) समूह “ख” राजपत्रित।

2.

क्षेत्रीय वन अधिकारी         

रू.9300/- से रू.34,800/- ग्रेड पे- रू.4800/-, लेवल-8 इन द पे मैट्रिक्स 47,600-1,51,100/-) समूह “ख” राजपत्रित।

 

7. आरक्षण: उ.प्र. की अनुसूचित जातियों/उ.प्र. की अनुसूचित जन जातियों/ उ.प्र. के अन्य पिछड़े वर्गों/ उ.प्र. के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण विद्यमान शासकीय नियमों के अनुसार दिया जायेगा। इसी प्रकार क्षैतिज आरक्षण के अन्तर्गत आने वाली श्रेणियों, यथा- उ.प्र. के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित/महिला अभ्यर्थियों/उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों/ उ.प्र. के समाज के दिव्यांग अभ्यर्थियों को भी विद्यमान अद्यतन शासकीय नियमों के अनुसार रिक्तियाँ बनने पर आरक्षण अनुमन्य होगा। उ.प्र. के समाज के दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए शासन द्वारा अधिसूचित (चिन्हित) किये गये पदों पर रिक्तियां बनने पर आरक्षण अनुमन्य होगा।

नोटः- (1) शासनादेश संख्या-39 रिट/का-2/2019 दिनांक-26 जून, 2019 द्वारा शासनादेश संख्या-18/1/99/का-2/2006 दिनांक-09 जनवरी, 2007 के प्रस्तर-4 में दिये गये प्राविधान, “यह भी स्पष्ट किया जाता है कि राज्याधीन लोक सेवाओं और पदों पर सीधी भर्ती के प्रक्रम पर महिलाओं को अनुमन्य उपरोक्त आरक्षण केवल उत्तर प्रदेश की मूल निवासी महिलाओं को ही अनुमन्य है” को रिट याचिका संख्या-11039/2018 विपिन कुमार मौर्या व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य तथा सम्बद्ध 6 अन्य रिट याचिकाओं में मा. उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा दिनांक-16.01.2019 को अधिकारातीत (ULTRA VIRES) घोषित करने सम्बन्धी निर्णय के अनुपालन में शासनादेश दिनांक - 09.01.2007 से प्रस्तर-04 को विलोपित किए जाने का निर्णय लिया गया है। उक्त निर्णय शासन द्वारा मा. उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक - 16.01.2019 के विरूद्ध दायर विशेष अपील (डी) संख्या-475/2019 में मा. न्यायालय द्वारा पारित होने वाले अन्तिम निर्णय के अधीन होगा। (2) आरक्षण/आयु में छूट का लाभ चाहने वाले अभ्यर्थी संबंधित आरक्षित श्रेणी के समर्थन में इस विस्तृत विज्ञापन के परिशिष्ट-3  में मुद्रित तथा आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध निर्धारित प्रारूप पर सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें एवं जब उनसे अपेक्षा की जाय तब वे उसे आयोग को प्रस्तुत करें। (3) उ.प्र. के आरक्षित श्रेणी के सभी अभ्यर्थी आवेदन में अपनी श्रेणी/उप श्रेणी अवश्य अंकित करें। (4) एक से अधिक आरक्षित श्रेणी/आयु सीमा में छूट का दावा करने वाले अभ्यर्थियों को केवल एक छूट, जो अधिक लाभकारी होगी, दी जायेगी। (5) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित, दिव्यांगजन तथा भूतपूर्व सैनिक अभ्यर्थियों को, जो उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी नहीं हैं, उन्हें आरक्षण/आयु में छूट का लाभ अनुमन्य नहीं है। (6) महिला अभ्यर्थियों के मामले में पिता पक्ष से निर्गत जाति प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे। (7) भूतपूर्व सैनिकों हेतु समूह ‘ग’ के पदों की उपलब्धता होने की दशा में नियमानुसार आरक्षण अनुमन्य होगा। (8) अभ्यर्थियों द्वारा प्रारम्भिक परीक्षा में अपने आवेदन में पात्रता तथा आरक्षण का लाभ प्राप्त करने हेतु जिस श्रेणी/उपश्रेणी का दावा किया गया है, उसके समर्थन में समस्त वांछित प्रमाण-पत्रों की स्वप्रमाणित प्रतियां मुख्य परीक्षा के आवेदन पत्र के साथ संलग्न किया जाना अनिवार्य है, अन्यथा उनका दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा।

8. आपात कमीशन प्राप्त/अल्पकालिक कमीशन प्राप्त अधिकारियों की पात्रता शर्तें:- (केवल आयु में छूट हेतु) आपात कमीशन प्राप्त/अल्पकालिक कमीशन प्राप्त अधिकारी, जो सेना से अवमुक्त नहीं हुये हैं किन्तु जिनकी सैन्य सेवा में वृद्धि पुनर्वास के लिए की गई है, भी इस परीक्षा के लिए़़ शासनादेश संख्या - 22.10.1976 कार्मिक-2-85, दिनांक 30 जनवरी, 1985 के अनुसार निम्नलिखित शर्तों पर आवेदन कर सकते हैं:- (अ) ऐसे आवेदकों को थल सेना/नौ सेना/वायु सेना के सक्षम अधिकारी द्वारा जारी इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि उनकी सेवा में वृद्धि पुनर्वास के लिये की गयी है और उनके विरूद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही लम्बित नहीं है। (ब) ऐसे आवेदकों को यथा समय यह लिखित अण्डरटेकिंग प्रस्तुत करनी होगी कि आवेदित पद के लिये चुन लिये जाने पर वे अपने को सैन्य सेवा से तत्काल अवमुक्त करा लेंगे। आपात/अल्पकालिक कमीशन प्राप्त अधिकारी को यह सुविधा अनुमन्य नहीं होगी, यदि (क) उसे सेना में स्थायी कमीशन प्राप्त हो गया हो। (ख) वह त्याग पत्र देकर सेना से अवमुक्त हुआ हो एवं (ग) वह सेना से कदाचार अथवा शारीरिक अक्षमता के कारण अथवा स्वयं की प्रार्थना पत्र के आधार पर अवमुक्त न हुआ हो और जिसे ग्रेच्युटी प्रदान की गई हो।

9. वैवाहिक प्रास्थितिः- ऐसे विवाहित पुरूष अभ्यर्थी, जिनकी एक से अधिक जीवित पत्नियाँ हो तथा महिला अभ्यर्थी जिन्होंने किसी ऐसे व्यक्ति से विवाह किया है जिसकी पहले से ही एक पत्नी हो, पात्र नहीं होंगे, जब तक कि महामहिम राज्यपाल ने उक्त शर्त से छूट प्रदान न कर दी हो।

10. शैक्षिक अर्हता:- सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा में सम्मिलित पदों हेतुः- आवेदन पत्र स्वीकार किये जाने की अन्तिम तिथि तक अभ्यर्थियों को भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय की स्नातक डिग्री या समकक्ष अर्हता अवश्य धारित करनी चाहिए। इसका उल्लेख अभ्यर्थी अपने आन-लाइन आवेदन के निर्धारित स्तम्भ में करें। किन्तु कतिपय पदों हेतु विशिष्ट अर्हतायें भी हैं, जिनका विवरण निम्नवत् है:-

 

लिखित परीक्षा + साक्षात्कार के माध्यम से चयन वाले विशिष्ट अर्हता के पद

क्र.सं.

पदनाम

अर्हताएं

1

उपनिबन्धक, सहायक अभियोजन अधिकारी (परिवहन)

विधि स्नातक

2

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी/सह जिला विद्यालय निरीक्षक एवं अन्य समकक्षीय प्रशासनिक पद, जिला प्रशासनिक अधिकारी।

स्नातकोत्तर उपाधि।

3

जिला लेखा परीक्षा अधिकारी (वित्त लेखा परीक्षा अनुभाग)।

वाणिज्य स्नातक।

4

सहायक नियंत्रक विधिक माप विज्ञान (श्रेणी-1)/सहायक नियंत्रक विधिक माप विज्ञान (श्रेणी-2)।

एक विषय के रूप में भौतिकी या यांत्रिकी अभियंत्रण सहित विज्ञान में स्नातक उपाधि।

5

सहायक श्रमायुक्त।

वाणिज्य/विधि या एक विषय के रूप में अर्थशास्त्र या समाजशास्त्र के साथ कला में स्नातक।

6

जिला कार्यक्रम अधिकारी।

समाज शास्त्र या समाज विज्ञान या गृह विज्ञान या समाज कार्य में स्नातक उपाधि।

7

वरिष्ठ प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान।

स्नातकोत्तर उपाधि के साथ शिक्षा स्नातक।

8

जिला प्रोबेशन अधिकारी।

मनोविज्ञान या समाज शास्त्र या सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर उपाधि या उसके समकक्ष कोई अर्हता या सामाजिक कार्य की किसी मान्यता प्राप्त संस्था से सामाजिक कार्य की किसी शाखा में स्नातकोत्तर डिप्लोमा।

9

बाल विकास परियोजना अधिकारी

समाज शास्त्र या समाज कार्य या गृह विज्ञान में स्नातक उपाधि या सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त अर्हता।

10

अभिहित अधिकारी/खाद्य सुरक्षा अधिकारी

(एक) भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त उसके समकक्ष कोई अर्हता हो, या

(दो) खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर सीधी भर्ती के लिए विहित अर्हता में से कम से कम एक अर्हता, जो निम्नवत् हैः- मान्यता प्राप्त किसी विश्वविद्यालय से खाद्य प्रौद्योगिकी या डेयरी प्रौद्योगिकी या जैव प्रौद्योगिकी या तेल प्रौद्योगिकी या कृषि विज्ञान या पशु चिकित्सा विज्ञान या जैव रसायन विज्ञान या सूक्ष्म जीव विज्ञान में स्नातक की उपाधि या रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि या औषधि में उपाधि या केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचित कोई अन्य समकक्ष/मान्यता प्राप्त अर्हता, परन्तु किसी व्यक्ति को, जिसका विनिर्माण आयात या किसी खाद्य पदार्थ के विक्रय में कोई वित्तीय हित हो, खाद्य सुरक्षा अधिकारी के रूप में नियुक्त नहीं किया जायेगा।

11

सांख्यिकी अधिकारी

भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से गणित या गणितीय सांख्यिकी या सांख्यिकी या कृषि सांख्यिकी में स्नातकोत्तर उपाधि या सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई अर्हता।

12

जिला गन्ना अधिकारी, 0प्र0 कृषि सेवा

समूह ‘ (विकास शाखा)

कृषि स्नातक

13

श्रम प्रवर्तन अधिकारी

अर्थशास्त्र / समाज शास्त्र / वाणिज्य के साथ स्नातक उपाधि तथा विधि / श्रम संबंध / श्रम कल्याण / श्रम विधि / वाणिज्य / समाज शास्त्र / समाज कार्य / समाज कल्याण / व्यापार प्रबंधन / कार्मिक प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा अथवा परास्नातक उपाधि।

14

प्रधानाचार्य, राजकीय इण्टरमीडिएट कालेज

(बालक या बालिका हेतु)

 

(एक) भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर उपाधि या सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई उपाधि।

(दो) शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश का एल0टी0 डिप्लोमा या बी0टी0 या बी0एड0 या किसी विश्वविद्यालय की कोई समकक्ष उपाधि।

(तीन) हाईस्कूल या इण्टमीडिएट कक्षाओं या उपरोक्त से उच्चतर कक्षाओं में भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय अथवा महाविद्यालय अथवा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी ऐसी संस्था से कम से कम तीन वर्ष का पढ़ाने का अनुभव।

15

सहायक शोध अधिकारी

भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान की मास्टर उपाधि या सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई उपाधि।

16

सहायक निदेशक (उद्यान)

कृषि स्नातक

17

प्रबन्धक (प्रशासन/सामान्य)

एम0बी00 या समकक्ष डिग्री

18

सहायक भण्डार क्रय अधिकारी

एम0बी00

केवल लिखित परीक्षा के माध्यम से चयन वाले विशिष्ट अर्हता के पद

19

प्राविधिक सहायक (रसायन)

भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों सहित रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि।

 

नोटः- “अभ्यर्थियों द्वारा विशिष्ट अर्हता वाले पदों हेतु स्पष्ट रूप से विकल्प “हाँ” दिये जाने की स्थिति में ही उन्हें विशिष्ट अर्हता वाले पदों हेतु पद की अर्हता धारित करने की स्थिति में विचार किया जायेगा।”

सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा परीक्षा में सम्मिलित पदों हेतुः-

(क) सहायक वन संरक्षक पद हेतु अनिवार्य शैक्षिक अर्हतायें:- भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से या समय-समय पर केन्द्रीय सरकार द्वारा अनुमोदित किसी विदेशी विश्वविद्यालय से कम से कम एक विषय अर्थात् वनस्पति विज्ञान, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणित, भूगर्भ विज्ञान, वानिकी, सांख्यिकी के साथ स्नातक उपाधि या कृषि में स्नातक उपाधि या अभियंत्रण में स्नातक उपाधि या सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई अर्हता होना आवश्यक है।

अधिमानी अर्हताः- ऐसे अभ्यर्थियों को जिन्होंने (i) कम से कम 02 वर्षों तक प्रादेशिक सेना में सेवा की हो या (ii) एन.सी.सी. का ‘बी’ प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, अन्य बातों के समान होने पर सीधी भर्ती के मामले में अधिमान दिया जाएगा।

(ख) क्षेत्रीय वन अधिकारी पद हेतु अनिवार्य शैक्षिक अर्हतायें:- भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जन्तु विज्ञान, वानिकी, भूगर्भ विज्ञान, कृषि, सांख्यिकी, उद्यान विज्ञान और पर्यावरण विषयों में से दो या अधिक विषयों के साथ स्नातक उपाधि या कृषि में या अभियांत्रिकी में या पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातक उपाधि धारक हो, या सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई अर्हता धारक हो।

अधिमानी अर्हताः- अन्य बातों के समान होने पर सीधी भर्ती के मामले में ऐसे अभ्यर्थी को अधिमान दिया जाएगा जिसने- (1) प्रादेशिक सेना में न्यूनतम दो वर्ष की अवधि तक सेवा की हो, या (2) राष्ट्रीय कैडेट कोर का “बी” प्रमाण-पत्र प्राप्त किया हो, या (3) किसी खेल में राज्य का प्रतिनिधित्व किया हो।

न्यूनतम शारीरिक मानकः- सहायक वन संरक्षक पद हेतु- (1) सीधी भर्ती के लिए किसी अभ्यर्थी को सेवा में नियुक्त नहीं किया जाएगा जब तक कि वह ऊँचाई व सीने के घेरे के लिए नीचे विनिर्दिष्ट रूप से न्यूनतम मानक न रखता हो-

 

लिंग

ऊँचाई

सीने का घेरा ( पूर्ण फुलाने के पश्चात्)

विस्तार

1

2

3

4

पुरुष

163 सेमी.

84 सेमी.

5 सेमी.

महिला

150 सेमी.

79 सेमी.

5 सेमी.

 

परन्तु अनुसूचित जनजातियों और गोरखा, नेपाली, आसामी, मेघालयीय जनजाति, लद्दाखी, सिक्किमी, भूटानी, गढ़वाली, कुमाऊँनी, नागा और अरुणाँचल प्रदेश के मूलवंश के अभ्यर्थियों की दशा में न्यूनतम ऊँचाई का मानक निम्न प्रकार होगा-

 

लिंग

ऊँचाई

1

2

पुरुष

152.5 सेमी.

महिला

145.0 सेमी.

 

(2) पुरुष अभ्यर्थियों से चार घन्टों में पूरी की जाने वाली 25 किलोमीटर की और महिला अभ्यर्थियों से चार घन्टे में पूरी की जाने वाली 14 किलोमीटर की पैदल चाल परीक्षण में अर्हता प्राप्त करने की अपेक्षा की जायेगी। इस परीक्षण के संचालन की व्यवस्था मुख्य वन संरक्षक, उत्तर प्रदेश द्वारा की जायेगी जिससे कि इसे चिकित्सा परिषद की बैठक के साथ-साथ किया जा सके।

क्षेत्रीय वन अधिकारी पद हेतुः-

(1) सीधी भर्ती के लिए किसी अभ्यर्थी को सेवा में तब तक नियुक्त नहीं किया जाएगा जब तक कि वह ऊँचाई व सीने के घेरे के लिए नीचे विनिर्दिष्ट न्यूनतम मानक न रखता होः-

 

लिंग

ऊँचाई

सीने का घेरा ( पूर्ण फुलाने के पश्चात्)

विस्तार

1

2

3

4

पुरुष

163 सेमी.

84 सेमी.

5 सेमी.

महिला

150 सेमी.

79 सेमी.

5 सेमी.

 

 

परन्तु अनुसूचित जनजातियों और गोरखा, नेपाली, गढ़वाली और कुमाऊँनी मूलवंश के अभ्यर्थियों की दशा में न्यूनतम ऊँचाइयों का मानक निम्न प्रकार होगाः-

 

लिंग

ऊँचाई

1

2

पुरुष

152.5 सेमी.

महिला

145.0 सेमी.

 

(2) पुरुष अभ्यर्थियों से चार घन्टों में पूरी की जाने वाली 25 किलोमीटर की और महिला अभ्यर्थियों से चार घन्टे में पूरी की जाने वाली 14 किलोमीटर की पैदल चाल परीक्षण में अर्हता प्राप्त करने की अपेक्षा की जायेगी। इस परीक्षण की व्यवस्था प्रमुख मुख्य वन संरक्षक, उत्तर प्रदेश द्वारा इस प्रकार की जायेगी कि चिकित्सा परिषद की बैठक के साथ समन्वय स्थापित रहे।

शारीरिक स्वस्थताः- सहायक वन संरक्षक पद हेतु- (1) किसी अभ्यर्थी को सेवा में किसी पद पर नियुक्त नहीं किया जायेगा जब तक कि मानसिक और शारीरिक दृष्टि से उसका स्वास्थ्य अच्छा न हो और वह किसी ऐसे शारीरिक दोष से मुक्त न हो, जिससे उसे अपने कर्तव्यों का दक्षतापूर्वक पालन करने में बाधा पड़ने की सम्भावना हो। किसी अभ्यर्थी को सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति के लिए अन्तिम रूप से अनुमोदित किये जाने से पूर्व उससे यह अपेक्षा की जायेगी कि वह चिकित्सा परिषद की परीक्षा उत्तीर्ण कर ले। (2) किसी महिला अभ्यर्थी को परीक्षण के आधार पर बारह सप्ताह या अधिक की गर्भवती पाये जाने पर अस्थायी रूप से अस्वस्थ घोषित किया जायेगा। प्रसूति के दिनाँक से छः सप्ताह पश्चात् स्वस्थता के लिए उसका पुनः परीक्षण किया जायेगा।

क्षेत्रीय वन अधिकारी पद हेतुः- (1) किसी अभ्यर्थी को सेवा में किसी पद पर तब तक नियुक्त नहीं किया जायेगा जब तक कि मानसिक और शारीरिक दृष्टि से उसका स्वास्थ्य अच्छा न हो और किसी ऐसे शारीरिक दोष से मुक्त न हो जिससे उसे अपने कर्तव्यों का दक्षतापूर्वक पालन करने में बाधा पड़ने की सम्भावना हो। किसी अभ्यर्थी को सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति के लिए अन्तिम रूप से अनुमोदित किये जाने से पूर्व उससे यह अपेक्षा की जायेगी कि वह चिकित्सा परिषद द्वारा किए गये परीक्षण में सफल घोषित हो। परन्तु पदोन्नति द्वारा भर्ती किए गये अभ्यर्थी से स्वस्थता सम्बन्धी चिकित्सा प्रमाण-पत्र की अपेक्षा नहीं की जायेगी। (2) किसी महिला अभ्यर्थी को परीक्षण के आधार पर 12 सप्ताह या अधिक की गर्भवती पाये जाने पर अस्थायी रूप से अस्वस्थ घोषित किया जायेगा। प्रसूति के दिनाँक से 06 सप्ताह पश्चात् स्वस्थता के लिए उसका पुनः परीक्षण किया जायेगा।

नोटः- अभ्यर्थी आवेदन करने के पूर्व भलीभाँति यह सुनिश्चित कर लें कि वे उपर्युक्त शारीरिक योग्यतायें रखते हैं।

 

 

11. शारीरिक मापदण्ड:- शारीरिक मापदण्ड वाले पदों जैसे पुलिस उपाधीक्षक, अधीक्षक कारागार, जिला कमान्डेन्ट होमगार्डस, आबकारी निरीक्षक, उपकारापाल तथा जिला युवा कल्याण एवं प्रदेशिक प्रकोष्ठ अधिकारी आदि उपलब्ध होने की दशा में सम्बन्धित सेवा नियमावली/अधियाचन के अनुसार उन पर शारीरिक मापदण्ड लागू रहेगा जो कि निम्नवत है:-

 

 

पुलिस उपाधीक्षक पद हेतु

अभ्यर्थियों की श्रेणी

ऊंचाई (सेमी में)

सीना (सेमी में)

बिना फुलाए

फुलाने पर

(एक) केवल पुरूष अभ्यर्थियों हेतु- अनारक्षित, नागरिकों के अन्य पिछड़े वर्गो और अनुसूचित जातियों

165

84

89

(दो) अनुसूचित जनजातियाँ

160

79

84

(तीन) केवल महिला अभ्यर्थियों हेतु- अनारक्षित, नागरिकों के अन्य पिछड़े वर्गो और अनुसूचित जातियों

152

लागू नहीं।

(चार) अनुसूचित जनजातियां

147

लागू नहीं।

(पांच) सभी श्रेणियों की महिला अभ्यर्थियों हेतु न्यूनतम वजन

40 किग्रा

लागू नहीं।

 

जिला कमांडेंट होमगार्ड्स पद हेतु

अभ्यर्थियों की श्रेणी

ऊंचाई (सेमी में)

सीना (सेमी में)

बिना फुलाए

फुलाने पर

(एक) पुरूष अभ्यर्थी

165

84

89

(दो) महिला अभ्यर्थी

150

79

84

(तीन) पुरूष अभ्यर्थी कुमायूँ और गढ़वाल मंडलों और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों हेतु

160

84

89

 

 

अधीक्षक कारागार पद हेतु

(एक) ऊँचाई- 168 सेमी और कुमायूँ और गढ़वाल संभाग के अभ्यर्थियों की दशा में 163 सेमी से कम नहीं।

(दो) सीने का घेरा 81.3 सेमी (बिना फुलाए) और 86.3 सेमी (फुलाने पर) (तीन) दृष्टि 6/6

 

 

 

आबकारी निरीक्षक पद हेतु

अभ्यर्थियों की श्रेणी

ऊंचाई (सेमी में)

सीना (सेमी में)

बिना फुलाए

फुलाने पर

(एक) पुरूष अभ्यर्थी

167

81.2 

86.2

(दो) महिला अभ्यर्थी (अनु. जाति/अनु.जन जाति)

147

 

 

(तीन) अन्य महिला अभ्यर्थियों हेतु

152

 

 

 

उपकारापाल पद हेतु

अभ्यर्थियों की श्रेणी

ऊंचाई (सेमी में)

सीने की माप

(बिना फुलाए)

सीने का फुलाव

(न्यूनतम) से.मी.

1. पुरूष अभ्यर्थियों के लिए

168 से.मी.

81.3 से.मी.

05 से.मी.

2. महिला अभ्यर्थियों के लिए

152 से.मी.

वजन

45 से 58 कि.ग्रा.

 

अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थी की दशा में उॅंचाई की माप निम्नवत हैः-

पुरूष- 160 से.मी.

महिला- 147 से.मी.

जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी

पुरूष अभ्यर्थी

1

ऊॅंचाई

सेंटीमीटर में (न्यूनतम)

(क)

अनूसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिए

160.0 Cm.

(ख)

पहाड़ी क्षेत्र में स्थायी रूप से रहने वाले अभ्यर्थियों के लिए

162.6 Cm.

(ग)

अन्य अभ्यर्थियों के लिए

167.7 Cm.

 

2

ऊॅंचाई

बिना फुलाए हुए

सेंटीमीटर में

फुलाने पर

सेंटीमीटर में

(क)

अनुसूचित जनजातियों और पहाड़ी क्षेत्र में स्थायी

रूप से रहने वाले अभ्यर्थियों के लिए

76.5 Cm.

81.3 Cm.

(ख)

अन्य अभ्यर्थियों के लिए

78.5 Cm.

83.5 Cm.

 

 

 

 

 

महिला अभ्यर्थी

 

ऊॅंचाई

सेंटीमीटर में (न्यूनतम)

(क)

अनूसूचित जनजातियों और पहाड़ी क्षेत्र में स्थायी रूप से

रहने वाले अभ्यर्थियों के लिए

147.0 Cm.

(ख)

अन्य अभ्यर्थियों के लिए

152.0 Cm.

 

12. (1) आयु सीमाः- सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (सामान्य/विशेष चयन) परीक्षा तथा सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा परीक्षा हेतुः- अभ्यर्थियों को 1 जुलाई, 2021 को 21 वर्ष की आयु अवश्य पूरी करनी चाहिए ओैर उन्हें 40 वर्ष से अधिक आयु का नहीं होना चाहिए अर्थात् उनका जन्म 2 जुलाई, 1981 से पूर्व तथा 1 जुलाई, 2000 के बाद का नहीं होना चाहिए। दिव्यांगजन हेतु अधिकतम आयु सीमा 55 वर्ष है अर्थात् अभ्यर्थी का जन्म 2 जुलाई, 1966 के पूर्व का नहीं होना चाहिए।

(2) अधिकतम आयु सीमा में छूट:- (क) उ.प्र. के अनुसूचित जाति, उ.प्र. के अनुसूचित जन जाति, उ.प्र. के अन्य पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों, उ.प्र. के वर्गीकृत खेलों के कुशल खिलाड़ियों, उ.प्र. राज्य सरकार के कर्मचारियों, उ.प्र. बेसिक शिक्षा परिषदीय शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों तथा उ.प्र. के अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों/कर्मचारियों के लिए अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट अनुमन्य होगी। अर्थात उनका जन्म 2 जुलाई, 1976 के पूर्व का नहीं होना चाहिए। (ख) उ.प्र. के समाज के दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 15 वर्ष अधिक होगी। (ग) उ.प्र. के आपात कमीशन प्राप्त अधिकारियों/अल्पकालिक कमीशन प्राप्त अधिकारियों/भूतपूर्व सैनिकों के लिए (जिन्होंने सेना में 05 वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो, समूह ‘ख’ के पदों हेतु अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट अनुमन्य होगी परन्तु समूह ‘ख’ के पदों हेतु आरक्षण देय नहीं होगा। समूह ‘ग’ के पदों की उपलब्धता की स्थिति में नियमानुसार आयु सीमा में छूट एवं आरक्षण देय होगा।

नोटः- औद्योगिक विकास विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी, सहायक निदेशक (उद्यान), प्रबन्धक (प्रशासन/सामान्य) तथा सहायक भण्डार क्रय अधिकारी पदों हेतु - ‘‘ऐसे व्यक्ति, जिसने प्राधिकरण की किसी सेवा में एक वर्ष या अधिक की सेवा पहले ही कर ली हो, के मामले में अधिकतक आयु सीमा उतने वर्ष, जितनी उसने निरन्तर सेवा की हो या सात वर्ष की अवधि के लिए, जो भी कम हो, अधिक होगी।

 

13. सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा मुख्य (लिखित) परीक्षा तथा साक्षात्कार एवं सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा मुख्य (लिखित) परीक्षा तथा साक्षात्कार के सम्बन्ध में कतिपय सूचनायें:- (1) प्रारम्भिक परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थी ही मुख्य (लिखित परीक्षा) में सम्मिलित किए जायेंगे, जिसके लिए आयोग के निर्देशानुसार सफल अभ्यर्थियों को पुनः आवेदन करना होगा एवं अनारक्षित (सामान्य) अभ्यर्थियों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों, उ.प्र. के अन्य पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों तथा उ.प्र. के बाहर के अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा शुल्क रू. 200/- एवं आन-लाइन प्रक्रिया शुल्क रू. 25/-, योग रू. 225/- तथा उ.प्र. के अनुसूचित जाति/उ.प्र. के अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों हेतु परीक्षा शुल्क रू. 80/- एवं आन-लाइन प्रक्रिया शुल्क रू. 25/- योग रू. 105/- निर्धारित है। क्षैतिज आरक्षण के अन्तर्गत आने वाले उ.प्र. के दिव्यांग अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा हेतु कोई शुल्क देय नहीं है परन्तु उन्हें आन-लाइन प्रक्रिया शुल्क रू. 25/- मात्र देना होगा। उ.प्र. के सेना के भूतपूर्व सैनिकों हेतु परीक्षा शुल्क रू0 80/- एवं आनलाइन प्रक्रिया शुल्क रू0 25/- योग रू0 105/- निर्धारित है। उ.प्र. के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी के आश्रित/महिला अभ्यर्थी जिस मूल श्रेणी से सम्बन्धित होंगें, उन्हें उसी वर्ग/श्रेणी हेतु शुल्क जमा करना होगा। (2) सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा मुख्य (लिखित) परीक्षा तथा सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा मुख्य (लिखित) परीक्षा हेतु अभ्यर्थियों को अलग- अलग आनलाइन आवेदन एवं निर्धारित शुल्क सबमिट/जमा करना होगा। आयोग द्वारा उक्त दोनों मुख्य (लिखित) परीक्षाऐं अलग-अलग आयोजित करायी जायेंगी। (3) अभ्यर्थी सावधानी पूर्वक नोट कर लें कि मुख्य परीक्षा में वे उसी अनुक्रमांक पर बैठेंगे जो उन्हें प्रारम्भिक परीक्षा के लिए आवंटित किया गया है। (4) मुख्य परीक्षाओं हेतु तिथियां तथा परीक्षा केन्द्र बाद में आयोग द्वारा निर्धारित किए जायेंगे, जिसकी सूचना ई-प्रवेश पत्र के माध्यम से दी जायेगी। (5) केवल वही अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए आहूत किये जायेंगे जो मुख्य परीक्षा (लिखित परीक्षा) के आधार पर सफल घोषित होंगे। (6) अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के पूर्व निर्धारित आवेदन पत्रादि भरना होगा। (7) विभिन्न पदों के लिए अधिमान्यताएं साक्षात्कार के समय मांगी जायेंगी, जो अन्तिम होंगी और तत्पश्चात् उनमें कोई परिवर्तन अनुमन्य नहीं होगा एवं इस संबंध में त्रुटि सुधार/संशोधन हेतु कोई भी प्रत्यावेदन/प्रार्थना पत्र स्वीकार्य नहीं होगा। (8) मूल प्रमाण पत्रों की जाँच साक्षात्कार के समय होगी, उस समय अभ्यर्थियों को दो फोटोग्राफ अपने विभागाध्यक्ष अथवा उस संस्था के प्रधान द्वारा, जहाँ उन्होंने अन्तिम शिक्षा पायी हो अथवा किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित तथा दो सादे फोटोग्राफ भी प्रस्तुत करना होगा। (9) केन्द्र अथवा राज्य सरकार के अधीन कार्यरत अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के समय अपने सेवायोजक का सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्गत अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। (10) साक्षात्कार के लिए सफल घोषित अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में उपस्थित होना अनिवार्य होगा।

नोटः- अभ्यर्थियों को सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा तथा सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा परीक्षा की मुख्य परीक्षा (लिखित परीक्षा) के आवेदन पत्रों में किये जाने वाले समस्त दावों की पुष्टि में स्वप्रमाणित अंकपत्र/प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है। यदि वे समस्त दावों की पुष्टि में स्वप्रमाणित अंकपत्र/प्रमाण पत्र संलग्न नहीं करते हैं तो उनका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया जायेगा।

14. अभ्यर्थियों के लिए महत्वपूर्ण अनुदेशः- (1) उ.प्र. लोक सेवा आयोग के निर्णय के अनुसार किसी भी अभ्यर्थी को अपने आवेदन पत्र में गलत तथ्यों को, जिनकी प्रमाण पत्र के आधार पर पुष्टि नहीं की जा सकती है, देने पर अथवा अन्य किसी कदाचार पर आयोग की प्रश्नगत परीक्षा तथा अन्य समस्त परीक्षाओं एवं चयनों से अधिकतम 05 वर्षों तक प्रतिवारित किया जा सकता है। (2) आन-लाइन आवेदन करने की अन्तिम तिथि तक ही श्रेणी, उपश्रेणी, डोमिसाइल, लिंग, जन्मतिथि, नाम व पते का जो दावा किया जायेगा, वही मान्य होगा। इसके बाद कोई भी परिवर्तन अनुमन्य नहीं होगा। इस सम्बन्ध में त्रुटि सुधार/संशोधन हेतु कोई प्रत्यावेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा। अपूर्ण आवेदन पत्र सरसरी तौर पर निरस्त कर दिया जायेगा और इस सम्बन्ध में कोई पत्राचार स्वीकार नहीं किया जायेगा। ‘गलत’/भ्रामक सूचना प्रस्तुत करने पर अभ्यर्थन निरस्त माना जायेगा। (3) हाईस्कूल अथवा समकक्ष उत्तीर्ण परीक्षा के प्रमाण पत्र में अंकित जन्मतिथि ही मान्य होगी। अभ्यर्थी को (मुख्य परीक्षा के) आवेदन पत्र के साथ हाईस्कूल अथवा समकक्ष परीक्षा का प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा। जन्मतिथि हेतु उक्त प्रमाण पत्र के अतिरिक्त अन्य कोई अभिलेख मान्य नहीं होगा तथा उक्त प्रमाण पत्र संलग्न न करने पर आवेदन पत्र निरस्त कर दिया जायेगा। (4) मुख्य परीक्षा के आवेदन पत्र के साथ अभ्यर्थी को शैक्षिक योग्यताओं के सम्बन्ध में किये गये दावों की पुष्टि में अंकपत्र, प्रमाण पत्र एवं उपाधि की स्वतः प्रमाणित प्रति संलग्न करना होगा। दावों की पुष्टि में प्रमाण पत्र/अभिलेख संलग्न न करने पर अथवा प्रमाण पत्र/अंक पत्र स्वतः प्रमाणित न होने पर आवेदन पत्र अस्वीकृत कर दिया जायेगा। (5) समाज के दिव्यांग अभ्यर्थियों को उ.प्र. लोक सेवा (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और भूतपूर्व सैनिकों) के लिए आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2018 की धारा-3 में उल्लिखित दिव्यांगता से ग्रस्त होने सम्बन्धी प्रमाण पत्र जो सक्षम चिकित्साधिकारी/विशेषज्ञ द्वारा निर्गत एवं मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रति हस्ताक्षरित हों, प्रस्तुत करने पर शासन द्वारा चिन्हित किए गये पदों पर दिव्यांग की उप श्रेणी के अंतर्गत ही आरक्षण का लाभ अनुमन्य होगा। उल्लेखनीय है कि उक्त अधिनियम की धारा-3 के अनुसार पदों का नया चिन्हांकन अभी शासन से नहीं प्राप्त हुआ है अतएव नियुक्ति प्राधिकारियों द्वारा अधियाचन में दिव्यांग रिक्तियों का जो चिन्हांकन (श्रेणी/उपश्रेणी) प्राप्त होगा उसी के अनुसार चयन की कार्यवाही की जायेगी। (6) आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि तक भूतपूर्व सैनिकों को सैन्य सेवा से अवमुक्त होना आवश्यक है। (7) परीक्षा की तिथि, समय तथा केन्द्रों आदि के सम्बन्ध में अनुक्रमांक सहित ई-प्रवेश पत्र के माध्यम से सूचना दी जायेगी। अभ्यर्थियों को आवंटित केन्द्र पर ही परीक्षा देनी होगी। परीक्षा केन्द्र परिवर्तन अनुमन्य नहीं होगा तथा इस सम्बम्ध में कोई भी प्रार्थना पत्र स्वीकार्य नहीं होगा। (8) जो अभ्यर्थी कालान्तर में विज्ञापन की शर्तों के अनुसार अर्ह नहीं पाये जायेंगे, उनका अभ्यर्थन/चयन निरस्त कर दिया जायेगा और मुख्य परीक्षा में प्रवेश हेतु उनका कोई दावा मान्य नहीं होगा। अभ्यर्थियों के अभ्यर्थन/चयन के सम्बन्ध में आयोग का निर्णय अन्तिम होगा। (9) आवेदन पत्र निर्धारित प्रारूप पर न होने पर, आवेदन पत्र में जन्म तिथि का उल्लेख न करने पर, त्रुटिपूर्ण जन्म तिथि अंकित करने पर, अधिवयस्क या अल्पवयस्क होने पर, मुख्य (लिखित) परीक्षा कें आवेदन पत्र में वैकल्पिक विषय का उल्लेख न होने पर, न्यूनतम शैक्षिक अर्हता धारित न करने पर, आवेदन पत्र प्राप्त किए जाने हेतु निर्धारित अन्तिम तिथि के बाद आवेदन पत्र प्राप्त होने पर तथा आवेदन पत्र के घोषणा पत्र के नीचे हस्ताक्षर न करने पर आवेदन पत्र/अभ्यर्थन निरस्त कर दिया जायेगा। (10) आयोग, आवेदन पत्र की सरसरी जाँच पर अभ्यर्थियों को औपबन्धिक प्रवेश दे सकते हैं, किन्तु बाद में किसी भी स्तर पर यह पाये जाने पर कि अभ्यर्थी अर्ह नहीं था, अथवा आवेदन पत्र प्रारम्भिक स्तर पर ही स्वीकार करने योग्य नहीं था, उसका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया जायेगा ओैर यदि चयनोपरांत संस्तुत भी कर दिया गया हो तो आयोग की संस्तुति वापस ले ली जायेगी। (11) कदाशय अर्थात परीक्षा भवन में नकल करने, अनुशासनहीनता, दुव्र्यवहार तथा अन्य अवांछनीय कार्य करने पर अभ्यर्थी का अभ्यर्थन निरस्त कर दिया जायेगा। इन अनुदेशों की अवहेलना करने पर अभ्यर्थी को इस परीक्षा तथा भविष्य में होने वाली अन्य समस्त परीक्षाओं/चयनों से प्रतिवारित किया जा सकता है। इस सम्बन्ध में आयोग का निर्णय अंतिम होगा। (12) आयोग से सभी पत्राचार में परीक्षा का नाम, विज्ञापन संख्या, रजिस्ट्रेशन नम्बर, जन्मतिथि, पिता/पति का नाम तथा अनुक्रमांक (यदि दिया गया हो) का उल्लेख अवश्य होना चाहिए। (13) नियुक्ति हेतु चयनित अभ्यर्थियों को नियमों में अपेक्षित स्वास्थ्य परीक्षण कराना होगा। (14) प्रारम्भिक परीक्षा के आधार पर मुख्य परीक्षा में प्रवेश हेतु रिक्तियों के 13 अभ्यर्थी सफल घोषित किये जायेंगे तथा मुख्य (लिखित) परीक्षा के परिणाम के आधार पर साक्षात्कार हेतु दो गुना अभ्यर्थी बुलाये जायेंगे। (15) याचिका सं0.(सी)165/2005 संजय सिंह बनाम उ0प्र0 लोक सेवा आयोग व अन्य में मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय/आदेश के क्रम में माडरेशन/स्केलिंग की व्यवस्था यथावश्यक लागू रहेगी। (16) ऐसे अभ्यर्थी जो पद के लिये निर्धारित अर्हकारी परीक्षा (पद की अनिवार्य अर्हता) में सम्मिलित हो रहे हैं, वे इस परीक्षा हेतु आवेदन न करें, क्योंकि वे पात्र नहीं हैं। (17) अभ्यर्थी ओएमआर उत्तर पत्रक को भरने में केवल काले बाल प्वाइंट पेन का प्रयोग करें। पेंसिल या किसी अन्य पेन का प्रयोग कदापि न करें। (18) अभ्यर्थी OMR Answer Sheet की सभी प्रविष्टियां, सही सही भरें। इन्हें रिक्त छोड़ने अथवा त्रुटिपूर्ण भरने की स्थिति में उनकी OMR Answer Sheet का मूल्यांकन आयोग द्वारा नहीं किया जायेगा, जिसके लिए अभ्यर्थी स्वयं उत्तरदायी होगा। ओएमआर उत्तर पत्रक में भरी गयी सूचना को व्हाइटनर, ब्लेड अथवा रबर आदि से मिटाया नहीं जाये। (19) OMR Answer Sheets दो प्रतियों में, एक मूल प्रति (Original Copy) तथा दूसरी अभ्यर्थी प्रति (Candidate’s Copy) रहेगी। परीक्षा समाप्ति के पश्चात् अभ्यर्थी OMR Answer Sheets की मूल प्रति (Original Copy) अन्तरीक्षक को सौंप देगें तथा अभ्यर्थी प्रति (Candidate’s Copy) अपने साथ ले जायेंगे। (20) प्रारम्भिक परीक्षा के वस्तुनिष्ठ प्रकारक प्रश्नपत्रों में गलत उत्तरों पर दण्ड (Negative Marking) की व्यवस्था निम्नवत लागू होगी:-

1- प्रत्येक प्रश्न के लिए चार वैकल्पिक उत्तर हैं। उम्मीदवार द्वारा प्रत्येक प्रश्न के लिए दिए गए एक गलत उत्तर के लिए प्रश्न हेतु नियत किए गए अंको का 1/3 (0.33) दण्ड के रूप में काटा जाएगा।

2. यदि कोई उम्मीदवार एक से अधिक उत्तर देता है तो इसे गलत उत्तर माना जाएगा, यद्यपि दिए गए उत्तरों में से एक उत्तर सही होता है, फिर भी इस प्रश्न के लिए उपर्युक्तानुसार ही उसी तरह का दण्ड दिया जाएगा।

3. यदि उम्मीदवार द्वारा कोई प्रश्न हल नहीं किया जाता है अर्थात् उम्मीदवार द्वारा उत्तर नही दिया जाता है तो उस प्रश्न के लिए कोई दण्ड नहीं दिया जाएगा।

(21) अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम दक्षता मानक (Minimum Efficiency Standard) 35% निर्धारित है अर्थात इन श्रेणियों के अभ्यर्थी यदि (प्रारम्भिक/मुख्य) परीक्षा में 35% से कम अंक प्राप्त करते हैं तो वे श्रेष्ठता/चयन सूची में सम्मिलित नहीं किये जायेंगे। इसी प्रकार, अन्य श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम दक्षता मानक (Minimum Efficiency Standard) 40% निर्धारित है अर्थात् ऐसे अभ्यर्थी यदि प्रारम्भिक/मुख्य परीक्षा में 40% से कम अंक प्राप्त करते हैं तो वे श्रेष्ठता/चयन सूची में सम्मिलित नहीं किये जायेंगे। ऐसे सभी अभ्यर्थी आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम दक्षता मानक (Minimum Efficiency Standard) से कम अंक पाने पर अनर्ह माने जायेंगे। (22) अभ्यर्थियों से सामान्य हिन्दी के अनिवार्य प्रश्नपत्र में न्यूनतम अंक प्राप्त करने की अपेक्षा की जायेगी जो यथा स्थिति, शासन या आयोग द्वारा अवधारित किये जायेंगे। (23) प्रारम्भिक परीक्षा का द्वितीय प्रश्नपत्र अर्हकारी होगा जिसमें न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा। मूल्यांकन के उद्देश्य से अभ्यर्थियों को प्रारम्भिक परीक्षा के दोनों प्रश्नपत्रों में सम्मिलित होना बाध्यकारी है। अतएव यदि कोई अभ्यर्थी दोनों प्रश्नपत्रों में सम्मिलत नहीं होता है तो वह अनर्ह (disqualify) हो जायेगा। अभ्यर्थियों के योग्यताक्रम (Merit) का निर्धारण उनके प्रारम्भिक परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र में प्राप्त अंको के आधार पर किया जायेगा।

 

सामान्य अनुदेश

1. अन्तिम नियत तिथि व समय के पश्चात् किसी भी स्तर के आवेदन पत्र किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किये जायेंगे। अपेक्षित सूचनाओं से रहित तथा ऐसे आवेदन पत्र, जिन पर अभ्यर्थी के फोटो अथवा हस्ताक्षर नहीं होंगे, समय से प्राप्त होने पर भी सरसरी तौर पर निरस्त कर दिए जायेगें।

2. सभी प्रकार से पूर्ण आवेदन जमा करने की निर्धारित अन्तिम तिथि व समय तक अभ्यर्थी द्वारा ‘ONLINE APPLICATION’ प्रक्रिया में SUBMIT बटन को CLICK करना अनिवार्य है। अभ्यर्थी अपने द्वारा भरी गयी सूचनाओं का प्रिन्ट प्राप्त कर लें और उसे सुरक्षित रखें, किसी विसंगति की दशा में अभ्यर्थी को उक्त प्रिन्ट आयोग कार्यालय को प्रस्तुत करना होगा अन्यथा अभ्यर्थी का अनुरोध स्वीकार नहीं किया जायेगा।

3. आरक्षण/आयु सीमा में छूट का लाभ चाहने वाले अभ्यर्थी संबंधित आरक्षित श्रेणी के समर्थन में इस विस्तृत विज्ञापन में मुद्रित निर्धारित प्रारूप पर (परिशिष्ट-3) सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें एवं जब उनसे अपेक्षा की जाये तब वे उसे आयोग को प्रस्तुत करें। एक से अधिक आरक्षित श्रेणी/आयु सीमा में छूट का दावा करने वाले अभ्यर्थियों को केवल एक छूट, जो अधिक लाभकारी होगी, दी जायेगी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित, दिव्यांगता से ग्रस्त, भूतपूर्व सैनिक, तथा कुशल खिलाड़ियों को जो उ.प्र. राज्य के मूल निवासी नहीं हैं, उन्हें आरक्षण/आयु सीमा का लाभ अनुमन्य नहीं है। महिला अभ्यर्थियों के मामले में पिता पक्ष से निर्गत जाति प्रमाण-पत्र ही मान्य होंगे।

4. आयोग अभ्यर्थियों को उनकी पात्रता के सम्बन्ध में कोई परामर्श नहीं देते हैं, इसलिए उन्हें विज्ञापन का सावधानी पूर्वक अध्ययन करना चाहिये और तभी आवेदन करें जब सन्तुष्ट हो जायें कि वे विज्ञापन की शर्तों के अनुसार अर्ह हैं। पद के लिए वांछित सभी अर्हताएं आवेदन पत्र स्वीकार किये जाने की अंतिम तिथि तक अवश्य धारित करनी चाहिए।

5. स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों की श्रेणी में केवल पुत्र, पुत्री तथा पौत्र (पुत्र का पुत्र/पुत्री का पुत्र) एवं पौत्रियां (पुत्र की पुत्री/पुत्री की पुत्री, विवाहित/अविवाहित) ही आते हैं। इस श्रेणी के अभ्यर्थी आरक्षण विषयक प्रमाण-पत्र शासनादेश संख्या-453/79-वी-1-15-1(का) 14-2015 दिनांक 07.04.2015 द्वारा निर्धारित प्रारूप पर जिलाधिकारी से प्राप्त कर प्रस्तुत करें।

6. किसी कदाचार, किसी महत्वपूर्ण सूचना को छिपाने, अभियोजन/आपराधिक वाद लम्बित होने, दोष सिद्ध होने, एक से अधिक जीवित पति या पत्नी के होने, तथ्यों को गलत प्रस्तुत करने तथा अभ्यर्थन/चयन के सम्बन्ध में सिफारिश करने आदि कृत्यों में लिप्त पाये जाने पर अभ्यर्थन निरस्त करने तथा आयोग की प्रश्नगत परीक्षा व आगामी परीक्षाओं एवं चयनों से प्रतिवारित (Debar) करने का अधिकार आयोग को होगा।

7. यदि अभ्यर्थी को आन-लाइन आवेदन में कोई कठिनाई हो रही है तो दूरभाष द्वारा अथवा Website पर “Contact us” से अपनी कठिनाई/समस्या का हल प्राप्त कर सकते हैं।

8. फोटो व हस्ताक्षर स्कैन करके अपलोड करने की प्रक्रिया परिशिष्ट-1 में दी गई है। प्रारम्भिक परीक्षा हेतु जिलों की सूची परिशिष्ट-2 पर तथा आरक्षण सम्बन्धी प्रमाण पत्रों का प्रारूप परिशिष्ट-3 पर उपलब्ध है। इसी प्रकार परीक्षा की योजना परिशिष्ट-4 पर, प्रारम्भिक परीक्षा हेतु पाठ्यक्रम परिशिष्ट-5 पर तथा सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा मुख्य परीक्षा हेतु अनुदेश एवं पाठ्यक्रम परिशिष्ट-6 पर उपलब्ध है। सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा परीक्षा हेतु मुख्य (लिखित) परीक्षा की परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम क्रमशः परिशिष्ट-7 एवं 8 पर उपलब्ध है।

 

Detailed Application Form

At the top of the page there is a Declaration. The candidates are advised to go through the contents of the Declaration carefully. Candidate has the option either to agree or disagree with the contents of Declaration by clicking on ’I agree’ or ’I do not agree’ buttons. In case the candidate opts to disagree, the application will be dropped, and the procedure will be terminated. Accepting to agree only will submit the candidate’s On-line Application.

Notification Details:

This section shows information relevant to notification.

Personal Details:

This section shows information about candidate’s personal details i.e. Registration Number, Candidate’s Name, Father/Husband’s Name, Gender, Date of Birth, UP domicile, Category, Marital Status, Email-ID and Contact Number.

Other Details of Candidate

Other details of candidate shows the information details about UP Freedom Fighter, Ex Army, service duration and your physical deformity.

Education & Experience Details

It shows your educational and experience details.

Candidate Address, Photo & Signature details

Here you will see your complete communication address and photo with your signature.

Declaration Segment

At the bottom of the page there is a ’Declaration’ for the candidates. Candidates are advised to go through the contents of the Declaration carefully. After filling all above particulars there is provision for preview your detail before final submission of application form on clicking on “Preview” button. Preview page will display all facts/particulars that you have mentioned on entry time if you are sure with filled details then click on “Submit” button to finally push data into server with successfully submission report that you can print. Otherwise using “Back” button option you can modify your details.

(CANDIDATES ARE ADVISED TO TAKE A PRINT OF THIS PAGE BY CLICKING ON THE “PRINT” OPTION AVAILABLE)

For Other Information:

For other information candidates are advised to select desired Option in ’Home Page’ of Commisision’s website http://uppsc.up.nic.in

 

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