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Friday, 2 February 2018

कलेक्टर बनना है तो ये लेख जरूर पढ़ें, यकीन मानिए जिंदगी बदल जाएगी

ज्ञान+प्रेरणा=सफलता। दुनिया में कामयाब होेने का इससे सफलतम कोई फॉर्मूला नहीं है। अगर आप दुनिया में कुछ भी हासिल करना चाहते हैं तो सबसे जरूरी है ज्ञान। क्योंकि ज्ञान के बिना आप कुछ नहीं कर सकते हैं। और दूसरा है प्रेरणा। बिना प्रेरणा के भी आप लाख ज्ञानी होते हुए भी कुछ हासिल नहीं कर पाएंगे। अगर आप IAS बनना चाहते हैं तो नीचे Shiva Thakur Shiva‎ जी का ये लेख जरूर पढ़ लें यकीन मानिए इसे पढ़ने के बाद अापके भीतर ऊर्जा का ऐसा संचार होगा कि आप सबकुछ भूलकर सिर्फ IAS की तैयारी के बारे में सोचने लगेंगे।

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Shiva Thakur Shiva‎ सर का लेख जैसा उन्होंने फेसबुक पर लिखा हू-ब-हू पढ़िए।
पसंद आए तो शेयर जरूर करें।
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 - - #पढाई में जब मन ना लगे जनाब तो उस #माँ - बाप का चेहरा याद कर लिया करो जो #सारे मोहल्ले में गर्व से कहते हैं - मेरा बेटा #कलेक्टर बनेगा - - - #आज फ़िर कहता हूँ दोस्तों - -#I.a.s - - - - - - तुम्हारी सबसे #बड़ी चाहत , तुम्हारी असली खुशी , तुम्हारी जिंदगी , तुम्हारा संसार तुम्हारे माँ - बाप हैं वो तुम्हारा पहला प्यार हैं तुम उनसे #बेवफ़ाई कैसे कर सकते हो - स्मरण रहे जो पहले प्यार के प्रति वफादार हैं वो ही दूसरे प्यार के असली हकदार हैं - दोस्तों - तुम्हारी आँखो को जिसने सपने दिखाये , तुम्हारी #हर बड़ी मुसीबत के वक्त तुम्हारे #सर पर उनका हाथ रहा - जिसकी उँगली पकड़कर तुमने चलना सीखा और जिन आँखो ने ये ख्वाब देखा की मेरा #बच्चा एक दिन मेरा नाम रोशन करेगा , जो मैं नही कर सका वो मेरी बेटी करेगी वो मेरा बेटा करेगा वो आज तक तेरे चेहरे को देखकर अपने सारे ग़म भुलाते आये हैं - उन्हे तुम पर #भरोसा हैं तब बताओ मुझे तुम क्यों नही अपने ख्वाबों को साकार करने के लिये कोई क़दम आगे बढ़ा रहे हो ? आखिर क्यों #खामोश बैठे हो ? क्यों नही मेहनत करना चाहते हो ? क्या यही तुम्हारा प्यार हैं ? क्या यही तुम्हारा कर्तव्य हैं ? अरे #जनाब जब पढाई में मन ना लगे तो उस बाप का चेहरा याद कर लिया करो जो सारे मोहल्ले में #छाती पीटते फिरते हैं - अरे मेरा बेटा तो कलेक्टर ही बनेगा मुझे उस पर भरोसा हैं वो #कभी मेरा सर नीचा नही करेगा - याद करो उस #माँ को जो ना जाने कितने कष्ट सहन करती हैं और इसका तुम्हे वो एहसास तक नही होने देती हैं ताकि तुम दुखी ना हो - अपना #पेट काट - काट कर तुमको पढाया - लिखाया . और आज इस काबिल बनाया की तुम जो चाहो वो प्राप्त कर सको - फ़िर भी ये #चुप्पी क्यों साध रखी हैं ? आखिर क्यों #भूल जाते हो तुम की उन्होने हमारी खुशियों के लिये उन्होने अपनी #सारी खुशियाँ त्याग दी - सिर्फ इसलिये की चलो मेरी #जिंदगी जैसे #कटी ठीक हैं लेकिन मेरे बच्चो को कोई कष्ट ना हो किसी चीज़ की कमी ना हो जाय तो अब बोलो #तुम सब अब अपनी क्या जिम्मेदारी बनती हैं ? बस अब बहूत हुवा अब समय आ गया हैं तपस्या का , #मेहनतका , #त्याग का , कूछ कर गुजरने का और अपने ख्वाबों को पूरा करने का - अब अपने माँ - बाप के होठों पर मुस्कान लाने की , तो उठाओ अब #किताबों को और लगा दो अपनी जान पढ़ डालो इतिहास , #भूगोल , संविधान , विज्ञान सब कूछ

Sunday, 21 January 2018

IAS बनना है तो GS, GK और Current Affairs का फर्क समझिए?

दोस्तों IAS EXAM के लिए हमने एक नई सीरिज शुरू की है। इस सीरिज में हम आपको IAS की तैयारी के लिए ऐसे-ऐसे Tips देंगे जो आपको और कही नहीं मिलेगा। क्योंकि इसमें बेसिक्स के साथ-साथ Advance लेवल तक की तैयारी की रणनीति बताई जाएगी। अगर आप चाहते हैं कि आपको ऐसी टिप्स लगातार मिलती रहे तो आपको दो काम करना होगा। पहला आप अपनी स्क्रीन के राइट साइट पर नीचे दिख रहे बेल आइकन को टच करके इसे अलॉउ कर दें और दूसरा नीचे हमारे फेसबुक पेज का लिंक दिया गया है उसे लाइक कर दें। इससे फायदा ये होगा कि जब भी नए लेख आएंगे आपको फौरन सूचना मिल जाएगी।
आज हम आपको बता रहें हैं कि IAS की प्रारंभिक परीक्षा के लिए आप कैसे शुरूआत करें? जिसके लिए जरूरी है की आपकी कुछ भ्रांतियों को दूर किया जाए। तो सबसे पहले पहली भ्राांति  को दूर कर लीजिए।
प्रारंभिक परीक्षा- कम समय में कैसे बनाएं रणनीति?
IAS की प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होते हैं। पहला सामान्य अध्ययन का और दूसरा CSAT का। जहां तक सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्न पत्र का सवाल है इसमें तीन टाइप के प्रश्न पूछे जाते हैं।
1-सामान्य अध्ययन यानी Gernal Studies (G.S)
2-सामान्य ज्ञान यानी Gernal Knowledge (G.K)
3-समसामयिक (Current Affairs)
नए छात्रों के सामने सबसे बड़ी कठिनाई ये होती है कि उन्हें पता ही नहीं होता है कि GS और GK में फर्क क्या होता है? दोनों में आपको अंतर समझाएं इससे पहले ये जान लीजिए की IAS की परीक्षा में G.K से ना के बराबर सवाल आते हैं। जबकि PCS, SSC, BANK, RAILWAY जैसी परीक्षाओं में G.K से जुड़े सवाल खूब आते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि दोनों में भला अंतर क्या है? जब तक आप ये अंतर नहीं समझेंगे IAS की तैयारी नहीं कर पाएंगे। इसलिए जरूरी है कि पहले आप इसमें फर्क करना सीखें।
G.S का सीधा सा मतलब है General Studies यानी हर उस विषय का सामन्य अध्ययन जिसकी जरूरत समाज में एक अधिकारी या कर्मचारी के तौर पर आपको पड़ सकती है। जहां तक General Studies में आनेवाले विषयों का सवाल है इसमें।
  • भारत का इतिहास और फ्रीडम स्ट्रगल मूवमेंट
  • भारतीय संविधान और राज्यव्यवस्था
  • भारत और विश्व का भूगोल
  • पर्यावरण, पारिस्थितिकी और जैव विविधता
  • अर्थव्यवस्था और सांख्यिकी
  • सामान्य विज्ञान और प्रद्योगिकी
  • सामाजिक विकास और प्रशासन 
जैसे टॉपिक आते है। जबकि General Knowledge यानी G.K में सामान्य ज्ञान से जुड़े। अब सवाल ये है कि सामन्य ज्ञान क्या होता है? सामान्य ज्ञान का मतलब ऐसे टॉपिक्स से है जिससे जुड़े सवालों के जवाब एक सामान्य या कह लें आम आदमी को भी आना चाहिए। कहने का आशय ये है कि सामान्य ज्ञान एक सामान्य आदमी से जुड़ा ज्ञान हैं। जैसे,
  • सड़क पर गाड़ी चलाने के नियम क्या हैं?
  • भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है?
  • राष्ट्रीय पक्षी मोर है तो क्यों है?
  • तिरंगा में कितने रंग होते हैं और कौन-सा रंग किसका प्रतीक है?
  • भारत का संविधान कब बना?
  • भारत की राजधानी क्या है?
  • भारत में कुल कितने प्रदेश हैं? कितने केंद्र शासित प्रदेश हैं?
यानी ऐसे प्रश्न जिसके बारे में आपको बचपन में ही पढ़ाया गया होगा। जहां तक करेंट अफेयर्स का सवाल है इसमें रोज-रोज की घटनाओं से जुड़े ऐसे टॉपिक होते हैं जिसका असर सामाज, देश-दुनिया और देश की सियासत और प्रशासन पर पड़ता है।
IAS की तैयारी की अगली कड़ी जल्द....
उम्मीद है कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। अगर सच में पसंद आया तो फेसबुक पर शेयर करें। नहीं आया तो दूसरा लेख पढ़ें।  

Tuesday, 19 December 2017

CSAT के बाद हिन्दी मीडियम के छात्र क्यों नहीं बन पा रहे IAS? विश्लेषण

    UPSC की सिविल सर्विसेज परीक्षा में जब से CSAT लागू हुआ है हिन्दी मीडियम के छात्रों के कामयाबी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। ये सोचने वाली बात है कि ऐसा क्यों है? आखिर क्यों CSAT से पहले हिन्दी मीडियम के छात्रा ज्यादा सेलेक्ट होते थे और सी-सैट के बाद से उनकी कामयाबी का ग्राफ लगातार गिरता ही जा रहा है। आइए इसके पीछे के कुछ कारणों का बिन्दुवार विश्लेषण करते हैं।

    1-प्रारंभिक परीक्षा से विषय का हटना:-

    सी-सैट से पहले प्रारंभिक परीक्षा में एक वैकल्पिक विषय और सामान्य अध्ययन का पेपर होता था। हिन्दी मीडियम के छात्र वैकल्पिक विषय में अच्छा नंबर पा जाते थे और प्रारंभिक परीक्षा की मेरिट में स्थान बना लेते थे। हालाकि वैकल्पिक विषय को लेकर स्केलिंग पद्धति हमेशा एक अबूझ पहेली थी, जिसकी वजह से हिन्दी मीडियम के छात्र भी विषय को हटाने की मांग करते थे। लेकिन सी-सैट लागू होने के बाद हिन्दी मीडियम के छात्रों को ये दांव उल्टा पड़ गया।   

    2-मुख्य परीक्षा से दो विषयों का हटना-

    जैसा कि आपको पता होगा कि जब से सी-सैट लागू हुआ तभी से मुख्य परीक्षा से दो विषयों को हटाकर एक विषय कर दिया गया है। पहले दो विषयों में हिन्दी मीडियम के छात्र अच्छा नंबर खींच लेते थे। उन्हें स्केलिंग का भी फायदा मिल जाता था। जिससे उन्हें इंटरव्यू देने का मौका मिल जाता था। विषय होने से हिन्दी मीडियम के छात्रों को एक फायदा ये भी था उन्हें पेपर की भाषा अासानी से समझ में आज जाती थी क्योंकि पेपर की भाषा उतनी कठिन नहीं थी जितनी आज के सामान्य अध्ययन के पेपरों की होती है। लिहाजा पेपर को आसानी से समझकर उसका उत्तर लिखा जा सकता था।


    3-हिन्दी मीडियम में सामान्य अध्ययन की अच्छी कोचिगों का आभाव-

    दिल्ली की मुखर्जीनगर को IAS के हिन्दी मीडियम छात्रों का मक्का माना जाता रहा है। लेकिन अब ऐसा नहीं है। मुखर्जीनगर हिन्दी मीडियम के छात्रों का गढ़ भी इसलिए बन पाया था क्योंकि यहां पर विषय के अच्छे टीचर थे। विषय के अच्छे टीचरों की वजह से ही मुखर्जीनगर में छात्रों का जमावड़ा हुआ। लेकिन सी-सैट के बाद ये टीचर खुद को नए सैलेबस के अनुसार ढाल नहीं पाए। आप माने या माने लेकिन ये सच है कि सामन्य अध्ययन के सारे पेपरों के लिए जितनी अच्छी किताबें और टीचर अंग्रेजी माध्यम में उपलब्ध है उतने हिन्दी में नहीं है। और दुर्भाग्य ये है कि मुखर्जीनगर में जो टीचर हैं वो सब विषय के विशेषज्ञ रहे हैं ना कि सामान्य अध्यन के। इस वजह से सी-सैट लागू होने के बाद ये सारे विषय विशेषज्ञ पैदल हो गए। अब ये टीचर सिर्फ छात्रों को ठगकर पैसा कमा रहे हैं। असलियत ये है कि इन्हें अगर IAS के सामान्य अध्ययन का कोई भी पेपर सॉल्व करने के लिए दे दीजिए इनके हाथ-पांव फूल जाते हैं।

    हिन्दी मीडियम के छात्रों की कठिनाइयों पर हम आगे भी बात करेंगे। उसका निदान भी बताएंगे। फिलहाल आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप 2016 में आईएएस में सलेक्ट अनीता यादव की कॉपी देख सकते हैं। अनीता ने कॉपी Vision ias कोचिंग में टेस्ट सीरिज लिखने दौरान लिखी थी। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं IAS की मुख्य परीक्षा में हिन्दी मीडियम के छात्रों की कॉपी किस लेवल की होनी चाहिए। 


    दोस्तों अगर आपको हमरा ये विश्लेषण पसंद आया हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए फेसबुक शेयर का बटन दबाएं। ताकि हिन्दी मीडियम के छात्रों तक ये मैसेज जाए और उनके सामने आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाई जाए।


    ANITA YADAV RANK-350, 2016 (HINDI MEDIUM)


Thursday, 1 June 2017

IAS TOPPER नंदिनी की सफलता की पूरी कहानी

देश को एक बार फिर नया आईएएस टॉपर (IAS TOPPER) मिल गया है। इस बार इस टॉपर का नाम है नंदिनी केआर (Nandini KR, IAS TOPPER 2017)। ऐसा नहीं है कि नंदनी ने पहले प्रयास में UPSC में सफलता हासिल की है। इससे पहले वो 2014 में IRS के लिए सलेक्ट हुईं थीं। अभी वो फरीदाबाद के राष्ट्रीय सीमा-शुल्क, उत्पादन शुल्क व नारकोटिक्स अकादमी ( National Academy of Customs, Excise and Narcotics in Faridabad) में ट्रेनिंग ले रही हैं। अपने चौथे प्रयास में नंदिनी ने वो मुकाम हासिल किया जिसके सपने तो सभी देखते हैं लेकिन पहुंचता साल में सिर्फ एक है। 2016 में दिल्ली की टीना डाबी ने ये मुकाम हासिल किया था। 2015 में दिल्ली की दिव्यांग इरा सिंघल टॉपर बनीं थीं। जबकि 2014 में राजस्थान के गौरव अग्रवाल ने इस परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया था।

नंदिनी मूलरूप से दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक के कोलार की रहनेवाली है। वहीं कोलार जो सोने की खान के लिए मशहूर है। 15 SEPTEMBER 1990 (27 साल) को पैदा हुई नंदिनी ने कोलार जिले से ही शिक्षा दीक्षा ली। उनके पिता रमेश सरकारी स्कूल में हाईस्कूल के टीचर हैं और मां गृहणी। नंदनी अति पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखती हैं। सबसे खास बात ये है कि नंदिनी की बचपन की पढ़ाई कन्नड़ भाषा में हुई। लेकिन उन्होंने अपनी स्कूलिंग St. Joseph Convent Girls High School से पूरी की। नंदिनी ने कन्नड साहित्य से आईएएस परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया।  16 साल पहले कर्नाटक की रहनेवाली विजयलक्ष्मी बिदारी (Vijayalakshi Bidari) ने भी कन्नड साहित्य से IAS में पहली रैंक हासिल की थी।

नंदिनी की सफलता एक आम छात्र की सफलता है। वो कोई बचपन से टॉपर नहीं रहीं। लेकिन वक्त के साथ उन्होंने पढ़ाई पर ध्यान दिया। अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने बैंग्लुरू के prestigious M S Ramaiya Engineering College से Civil Engineering में B. Tech किया। इसके बाद कुछ दिनों तक उन्होंने कर्नाटक के PWD विभाग में सरकारी इंजीनियर की नौकरी की लेकिन उन्हें ये नौकरी रास नहीं आई। क्योंकि बचपन से ही उन्होंने सपना कुछ और करने का देखा था। वो सपना था IAS बनने का।

IAS की परीक्षा में नंदिनी को पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। साल 2014 के दूसरे प्रयास में उनकी रैंकिंग 849 थीं। वो IRS (Customs and Central Excise) के लिए चुनी गईं। सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने दिल्ली की Vajiram and Ravi कोचिंग को ज्वाइन किया था। नंदिनी के मुताबिक कड़ी मेहनत और लक्ष्य के प्रति समर्पण ही उनकी सफलता का राज है। वो अपने माता-पिता को आपना आदर्श मानती हैं। नंदिनी का सपना है कि वो महिलाओं को सशक्त बनाने में अपना योगदान दे।  

NOTE:-अगर आपको आईएएस टॉपर नंदिनी की कहनी पसंद आई तो ज्यादा से ज्यादा संख्या में फेसबुक शेयर का बटन टबाएं।

Saturday, 18 February 2017

ज्यादा पढ़ाकू छात्रों को IAS क्यों नहीं चुनता UPSC? जरूर पढ़ें

दोस्तों हमारी टीम का मकसद सिर्फ आप लोगों का मार्गदर्शन करना नहीं है बल्कि वो गुढ़ बातें भी आपसे साझा करना है जिसकी वजह से सलेक्शन के चांसेज बहुत बढ़ जाते हैं. पिछले लेख में हमने आपको बताया कि IAS की तैयारी के लिए शुरुआत कैसे करें? (यहां पर Click करके आप पहला लेख पढ़ सकते हैं) जिसमें हमने आपको विस्तार से समझाने की कोशिश की. आइए अब तैयारी के पहले पड़ाव को विस्तार से समझते हैं. अगर आप इस पड़ाव के एक-एक बिन्दु को गहराई से समझ गए तो यकीन मानिए आपके सलेक्शन के चांसेज दूसरे की तुलना में 50 गुना बढ़ जाएंगे. आजमाया हुआ फॉर्मूला है, लिहाजा आप भी आजमा सकते हैं.

दरअसल, IAS की तैयारी शुरु करने से पहले हमें ये समझने की जरुरत है कि वो कौन-सी संस्था है जो हर साल IAS, IPS, IFS और Group-A और Group-B के लिए Officers का चयन करती है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? इसके पीछे भी लॉजिक है. दरअसल, जबतक आपको अपने दुश्मन का सही पता नहीं होगा आप उससे लड़ने के लिए जरुरी साजो-सामान से लेकर सही रणनीति नहीं बना पाएंगे. मसलन, अगर हमें पाकिस्तान से लड़ना है तो हमारी तैयारी अलग होगी, अगर चीन से लड़ना है तो तैयारी अलग होगी. लेकिन अगर अमेरिका और रूस से लड़ना है तो तैयारी का स्तर और साजो सामान बिल्कुल अलग होगा.

मतलब दुश्मन जितना बड़ा है तैयारी उतनी ज्यादा मजबूत होगी. PCS, SSC, BANK और One Day Examinations की नौकरी के लिए रणनीति बिल्कुल अलग होगी, ठीक उसी प्रकार जैसे पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान से लड़ने के लिए रणनीति होगी. लेकिन IAS की रणनीति बिल्कुल अलग. आप ये समझ लीजिए की जिस तरह से महाशक्ति बनने के लिए किसी भी देश के लिए अमेरिका को हराना जरुरी है, ठीक उसी प्रकार से देश की सबसे बड़ी नौकरी यानी IAS बनने के लिए आपको देश के सबसे ताकवतर संस्था UPCS (IAS बनाने के लिए देश में यही एक मात्र संस्थान हैं, लिहाजा छात्रों के लिए ये ही सबसे ताकतवर संस्थान है) को हराना ही होगा. हराने का मतलब है UPSC ने आपको रोकने के लिए जो प्रश्न पत्र तैयार किया है आपको उसका तोड़ निकालना होगा.


अच्छा एक आसान से सवाल का जवाब दीजिए. आपके IAS बनने में सबसे बड़ी बाधा कौन है? आपके मन में बहुत से जवाब आएंगे? लेकिन आपका ध्यान कभी भी इस बात पर नहीं जाएगा कि आपके सामने सबसे बड़ी बाधा UPSC है. UPSC ही आपको IAS बनने से रोक रहा है, बाकि कोई ऐसा नहीं है जो आपको रोक रहा है. 

दरअसल, जिस दिन आप ये समझ जाएंगे कि यूपीएसपी IAS उम्मीदवार के सलेक्शन के लिए परीक्षा नहीं लेता बल्कि उम्मीदवारों को छांटने के लिए परीक्षा लेता है उसी दिन से आपकी रणनीति बदल जाएगी. जी हां इस बात को गहराई से समझ लीजिए कि UPSC उन संभावित उम्मीदवारों को परीक्षा के माध्यम से छांट देता है जिसमें दूसरे के मुकाबले IAS बनने की क्षमता जरा भी कम होती है. इसका मतलब ये हुआ कि UPSC किसी भी छात्र को तुलनात्मक रूप से छांटता है. यही वजह है कि हर साल कमीशन की मेरिट अलग-अलग होती है. ऐसा नहीं है कि कमीशन ने एक लक्ष्मण रेखा खींच रखी है जो उसे पास करेगा उसे मसूरी का टिकट मिलेगा (जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि UPSC की परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को ट्रेनिंग के लिए Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration (LBSNAA), Mussoorie, Uttarakhand भेजा जाता है.


आपको ये समझना होगा कि IAS बनने की क्षमता सभी में होती है, किसी में कम किसी में ज्यादा. ये बात कमीशन भी जानता है. इसीलिए आप देखेंगे कि उसने सिविल सर्विसेज परीक्षा के लिए सिर्फ ग्रेजुएशन ही शैक्षिक योग्यता मांगी है. और इतना नहीं वो उम्मीदवार भी इस परीक्षा के लिए अप्लाई कर सकता है जो Third division पास हुआ हो. इससे साफ है कि कमीशन को ऐसे लोग नहीं चाहिए जो सिर्फ पढ़ाकू हों. अगर ऐसा होता तो कमीशन के लिए IAS चुनना बहुत आसान हो जाता. वो सिर्फ देश के चुनिंदा कॉलेज से उन लोगों को आवेदन के लिए मौका देता जो अपनी यूनिवर्सिटी के टॉपर होते. लेकिन ऐसा नहीं है तो ये निष्कर्ष है कि कमजोर छात्र भी IAS बन सकता है बशर्ते वो कमीशन के पैरामीटर पर खरा उतरता हो. कमीशन का पैरा मीटर क्या है? किस आधार पर कमीशन किसी को मसूरी का टिकट देता है? और किस आधार पर वो उसे रेस से बाहर कर देता है. अगले लेख में आपको बताएंगे. तबतक आप दूसरे लेख को पढ़िए.  

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Sunday, 12 February 2017

IAS बनना है तो कुछ आदतें बदल लें, जानें क्या हैं वो आदतें.

IAS PREPARATION TIPS FOR BEGINNERS IN HINDI

IAS हिन्दुस्तान ही नहीं दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा है. लिहाजा इसे पास करने के लिए पूरी Planning के साथ तैयारी की जरुत है. समझने की जरुरत ये है कि Planning कैसे बनाएं? सबसे पहले दुनिया की इस सबसे कठिन परीक्षा को परीक्षा ना मानकर एक Game समझें.

जिस तरह से किसी भी Game को खेलने से पहले उसके Rules को जानना और समझना बेहद जरुरी ठीक उसी तरह से IAS की तैयारी से पहले उसके सभी Rules को जानना और उसे अच्छी तरह से समझना बहुत जरुरी है.
IAS topper Tina dabi tips

सोचिए अगर Cricket के Game में कोई Batsman बिना Cricket के Rules & Regulation को पूरी तरह से समझे मैदान में उतर जाए तो उसका क्या होगा? अगर वो ये जानता ही नहीं कि पैड पर बॉल लगने पर भी वो ऑउट हो सकता है तो उसके आउट होने के चांसेज बढ़ जाएंगे. और आउट होने के बाद वो यहीं कहेगा कि अंपायर ने बेइमानी की है. ठीक वैसे ही जैसे असफल होने के बाद तमाम छात्र कहते हैं कि UPSC Commission ने बेईमानी की है. खासतौस से हिन्दी मीडियम के छात्रों के जुबान पर तो ये शब्द चढ़ चुका है कि कमीशन हिन्दी मीडियम वालों के साथ भेदभाव करता है.

तैयारी की रणनीति समझने से पहले एक छोटे से सवाल का जवाब दीजिए. आप में से कितने ऐसे हैं जो IAS का Notification और Form भरने से पहले अच्छी तरह से पूरा पढ़ते हैं. जवाब आप खुद जानते हैं. हकीकत यहीं है कि 100 में से सिर्फ 3 लोग यानी 3% छात्र इसे इत्मीनान से पढ़कर IAS Form भरते हैं. और मजेदार बात तो है कि सफल होनेवालों का प्रतिशत इससे भी कम है. और जब से IAS का Form Online भरने की व्यवस्था हुई है तब से पूछिए ना. कई जनाब तो ऐसे हैं जिनका फॉर्म ही दूसरे भरते हैं. है ना मजेदार. जो खुद फॉर्म नहीं भर सकते वो खुद एक्जाम कैसे पास करेंगे?
ias topper tips in hindi

एक बात गांठ बांध लीजिए अगर IAS बनना है तो किसी भी Rules and Regulation को ध्यान से पढ़ने और उसे समझने की आदत आज से ही डाल लीजिए क्योंकि एक IAS अपनी पूरी जिंदगी में या तो Rules and Regulation को Follow करता है या फिर Rules and Regulation बनाता है. इससे अलग उसके पास कोई काम नहीं होता. यकीन नहीं हो रहा है, लेकिन सच यहीं है.

अच्छा बताइए आपके जिले का जिलाधिकारी (District Magistrate) क्या करता है? किसी विभाग का सचिव क्या करता है? प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव क्या करते हैं? सीधा जवाब है या तो वो नियम बनाते हैं या फिर नियम को लागू करते या कराते हैं.

समझे कुछ आप. यानी अगर आपको IAS बनना है तो अभी से कुछ आदतें डालनी होगीं. सबसे पहली आदत है-

1-किसी भी काम को करने के लिए Rules बनाना और उसे Follow करना-

छोटा-सा उदाहरण लीजिए. अगर आप Time Table (टाइम टेबल) से पढ़ने की प्लानिंग कर रहे हैं तो पहले टाइम टेबल बनाइए फिर उसे अमल में लाइए. अगर आप इसमें Fail हैं तो निश्चितौर से आप में वो गुण नहीं है जो एक IAS में होने चाहिए? क्योंकि कल जब आपको अपने जिले में Rules लागू करने होगें तो आप उसमें भी Fail होंगे. क्योंकि ये आपका स्वभाव है. और स्वभाव को बदलना बहुत मुश्किल होता है. जैसे-कुत्ते की पूछ सालों लोहे की नली में डाल दो लेकिन वो सीधी नहीं होती. 

2-हर बात पर किसी से भी सलाह मश्विरा करना:-

ये मानव स्वभाव है कि किसी भी काम को करने से पहले इंसान उसके हर पहलू के बारे में सोचता है. नफे-नुकसान के बारे में समझता है. ठीक इसी तरह से तैयारी से पहले तमाम छात्र इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि उन्हें तैयारी करनी चाहिए या नहीं? तैयारी को लेकर उनका फैसला सही है या नहीं? वो जिस कोचिंग को करने की सोच रहे हैं वो सही या फिर नहीं? तमाम तरह के ऐसे सवाल हैं जिसके लिए वो ऐरे-गैरे से लेकर नत्थु-खैरे तक से सलाह लेते हैं. 

अच्छा बताइए कि अगर आपको अमेरिका जाना है तो आप किसे सलाह लेंगे. उससे जो अमेरिका जा चुका है? उससे जो कनाडा तक सिर्फ गया है? उससे जो सिर्फ किताबों में पढ़कर अमेरिका जाने का अहसास कर चुका है? या फिर उससे जो अमेरिका गए अपने दोस्तों से जानकारी लेकर लंबी-लंबी डींगे हाकता है. निश्चिततौर पर उससे जानकारी लेना फायदेमंद है जो अमेरिका जा चुका है. क्योंकि वो आपको सफर में आनेवाली दिक्कतों का प्रैक्टिल और सटीक जवाब दे सकता है. तो अगर आपको सलाह लेना है तो सफल लोगों से ही लें क्योंकि वो आपको तैयारी में आनेवाली हर परेशानियों को सही और प्रैक्टिकल जवाब दे सकते हैं.

3-दूसरों के नोट्स के पीछे भागना बंद कीजिए, चाहे वो IAS में सफल ही क्यों ना हो चुका हो-


ये बताइए कि 4 फीट के इंसान को 7 फीट के इंसान का जूता फिट हो सकता है क्या? इंसान तो दोनों ही हैं. निश्चिततौर पर नहीं. लेकिन 4 फीट का इंसान 7 फीट का जूता पैर में डालकर और 7 फीट का इंसान 4 फीट के इंसान के जूते की नाप के आधार पर ये जान सकता है कि उसे किस नंबर का जूता फिट बैठ सकता है. ठीक इसी तरह से दूसरे के नोट्स को लेकर उसी से पढ़ेंगे तो नतीजा क्या होगा बताने की जरुरत नहीं? हां इतना कर सकते हैं कि दूसरे के नोट्स देखकर आप ये अंदाजा लगा सकते हैं कि आप अपने नोट्स कैसे बनाएं? क्योंकि नोट्स में हर छात्र वही बात लिखता है जो उसे पता नहीं होता. 

जैसे किसी के नोट्स में अगर लिखा है कि नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बनने से पहले एक राज्य के मुख्यमंत्री थे? इसका मतलब ये है कि जिस भी छात्र ने ये नोट्स बनाया है उसे ये पहले से पता है कि नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे? लेकिन अब एक नया छात्र आता है उसे वहीं नोट्स पढ़ने को मिलता है और वो ये नहीं जानता कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजारत में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके थे तो आधा तथ्य याद करेगा? और जब परीक्षा में ये सवाल आएगा कि नरेद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले कहां के मुख्यमंत्री थे तो निश्चिततौर पर या तो वो सवाल गलत करेगा या फिर तुक्का मारेगा? आपको समझाने के लिए हमने ये आसान सवाल लिया, लेकिन जब यहीं सवाल अकबर से लेकर शिवाजी तक के बारे में आयेगा तब आपाके दिमाग की बत्ती घूम जाएगी. 

तो अगर सफल होना है तो आदत बदलिए, दूसरे के नोट्स लीजिए उसे एक बार पूरा पढ़िए और फिर रद्दी की टोकरी में फेंककर अपने खुद के नोट्स बनाइए. नहीं तो कमीशन आपको रद्दी की टोकरी में फेंकने से गुरेज नहीं करेगा.vijay agrawal 
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IAS की तैयारी कैसे शुरु करें? TOPPER'S TIPS

HOW TO START IAS PREPARATION IN HINDI.
IAS KI TAIYARI KAISE SHURU KAREIN.

नीली बत्ती, रुतबेदार सायरन, ऊंचा रसूख, आगे पीछे पुलिस की टीम, समाज में इज्जत, सुंदर बीवी/स्मार्ट पति, नौकर-चाकर और इफरात पैसा. IAS की तैयारी करने वाले 95 फीसदी परीक्षार्थी की आंखों में यही सपना होता है. हां वो दुनिया और Interview Board (इंटरव्यू बोर्ड) के सामने यही कहते हैं कि वो समाज सेवा के लिए IAS बनना चाहते हैं. समाज के लिए कुछ अलग करना चाहते हैं. ठीक वैसे ही जैसे समाज का हर आदमी विकास के नाम पर वोट देने की वकालत करता है लेकिन जब वोट डालने पहुंचता है तो अपनी जाति और मजहब के उम्मीदवार को वोट देकर आता है. ये सच है, कोरा सच है. आप माने या ना माने.

IAS TOPPER TINA DABI

और हकीकत ये है कि IAS की तैयारी को लेकर उलझन में भी वही छात्र/छात्राएं रहते हैं जो तैयारी से पहले नीली बत्ती से लेकर इफरात पैसे का सपना देखने लगते हैं. सोचने लगते हैं कि मैं IAS बन गया तो ये करुंगा. वो करुंगा. कुछ अपने घर की गरीबी दूर करने का सपना देखते हैं तो कुछ अपनी मन पसंद लड़की से शादी करने का. वो बिरले ही होते हैं जो समाज सेवा का असली भाव अपने दिल में लिए होते हैं. और जो इस भाव से तैयारी करते हैं सफलता उन्हें ही मिलती है. ये लोग 5 फीसदी से भी कम हैं.


IAS की तैयारी ऐसे शुरु करें
IAS ki taiyari aise shuru karen

IAS की तैयारी शुरु करने की सोच रहे हैं या फिर कर रहे हैं तो सबसे पहले सही रणनीति बनाने की जरुरत है. इसके लिए सबसे पहले कुछ चीजों को समझना बेहद जरुरी है.

1-UPSC कैसे लोगों को IAS के लिए सलेक्ट करता है?

2-UPSC उम्मीदवारों में क्या देखना चाहता है?

3-UPSC IAS चुनने के लिए किस तरह की परीक्षा लेता है?

4-IAS के लिए Qualification क्या है?

5-IAS के लिए प्रारंभिक परीक्षा में Question किस तरह के आते हैं?

6-IAS Mains में सवालों की प्रकृति (Nature) क्या होती है?

7-INTERVIEW की जगह UPSC Group Discussion क्यों नहीं लेता?

8-IAS के लिए हमें क्या पढ़ना चाहिए, कैसे पढ़ना चाहिए और कितना पढ़ना चाहिए?

9-सबसे अहम है कि IAS बनने के बाद आपको काम क्या मिलने वाला है?

10-और सबसे ज्यादा Important है कि IAS बनने के लिए क्या करें और क्या ना करें?


हम www.bookmynotes.com पर एक-एक Topic पर विस्तार से बात करेंगे. क्योंकि हमें रोज़ 5 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी मैसेज भेज कर पूछ रहे हैं कि वो IAS की तैयारी कैसे करें? अपने पहले Topic में आज हम Discuss करेंगें कि UPSC कैसे लोगों को IAS के लिए सलेक्ट करता है?

मान लीजिए आपको अपने घर के लिए एक ड्राइवर की जरुरत है तो आप उसे रखने से पहले किन सवालों पर मंथन करेंगे. या आप उसमें किन-किन खूबियों को देखेंगे. निश्चिततौर पर...

1-ईमानदारी
2-समय का पाबंद
3-लापरवाह ना हो
4-जिम्मेदारी से काम करें
5-नौकरी के नाम पर 8 घंटे की नौकरी ना करनेवाला.
6-हर समय काम के लिए तैयार रहे
7-तेजी से फैसले लेने वाला.
8-सभी का ख्याल रखनेवाला.
9-ड्राइवरी के अलावा भी दूसरे कामों में दक्ष.
10-भ्रष्ट ना हो.
11-चुगल खोर ना हो.
12-कहीं भी कभी भी जाने के लिए तैयार हो
13-घर के दूसरे नौकरों के साथ मिलकर काम करें.
14-दिखने में भी सुंदर और स्मार्ट हो.
15-और सबसे बड़ी बात सभी की इज्जत और सम्मान करें. वगैरह-वगैरह.

देखा आपने 10 हजार की एक छोटी-सी ड्राइवर की नौकरी के लिए आपको इतनी खूबियों वाला इंसान चाहिए. तो सोचिए UPSC को तो एक ऐसा इंसान Select करना है जिसे जिला से लेकर देश चलाना है. तो वो उसमें क्या-क्या खूबी देखना चाहेगा. जबतक आप इन बातों को नहीं जानेंगे कि UPSC आप में देखना क्या चाहता है तबतक सलेक्शन तो छोड़िए आपका प्री ही क्वालीफाई नहीं होगा. यकीन नहीं होता तो जो लोग तैयारी करके असफल हो चुके हैं उन्हीं से पूछ लीजिए. ये बात सोलह आने सच्ची है.


अपने अगले लेख में हम आपको उन खूबियों के बारे में बताएंगे जो UPSC एक उम्मीदवारों में देखना चाहता है. तबतक आप इस website के बाकी लेख को पढ़ लीजिए जो आपके लिए बहुुत काम के हैं.

(अगर आप चाहते हैं कि हम आगे की कड़ी प्रकाशित करें तो कृपया इसे शेयर करें. 500 शेयर होने पर आगे की कड़ी प्रकाशित होगी. कृपया ज्यादा से ज्यादा शेयर करके हमारा हौसला बढ़ाएंगे. आप जिस ग्रुप में शामिल हैं उस में जरुर शेयर करें ताकि दूसरे भी इसका फायदा उठा सकें.)  


Thursday, 9 February 2017

ऐसे पढ़ेंगे तो IAS तो दूर 'गधे' भी नहीं बन पाएंगे, बदलें रणनीति

HOW TO START IAS PREPARATION IN HINDI.
IAS KI TAIYARI KAISE SHURU KAREIN.

नीली बत्ती, रुतबेदार सायरन, ऊंचा रसूख, आगे पीछे पुलिस की टीम, समाज में इज्जत, सुंदर बीवी/स्मार्ट पति, नौकर-चाकर और इफरात पैसा. IAS की तैयारी करने वाले 95 फीसदी परीक्षार्थी की आंखों में यही सपना होता है. हां वो दुनिया और Interview Board (इंटरव्यू बोर्ड) के सामने यही कहते हैं कि वो समाज सेवा के लिए IAS बनना चाहते हैं. समाज के लिए कुछ अलग करना चाहते हैं. ठीक वैसे ही जैसे समाज का हर आदमी विकास के नाम पर वोट देने की वकालत करता है लेकिन जब वोट डालने पहुंचता है तो अपनी जाति और मजहब के उम्मीदवार को वोट देकर आता है. ये सच है, कोरा सच है. आप माने या ना माने.

Wednesday, 5 October 2016

MAINS में लिखने की कला कैसे विकसित करें? कुछ प्रैक्टिकल उपाय

किसी भी विषय पर लिखने के लिए सबसे जरुरी है हाथ और दिमाग के बीच सामंजस्य. अगर दिमाग में उठने वाले विचार बहुत तेजी से आ रहे हैं और हाथ उसे शब्द नहीं दे पा रहे हैं तो निश्चिततौर पर आप अच्छा नहीं लिख पाएंगे. और इसके उल्टा अगर हाथ तेजी से लिख रहा है और विचार उतनी तेजी से नहीं आ रहे हैं तो भी आप अच्छा नहीं लिख पाएंगे. तो सवाल उठता है कि हाथ और मस्तिष्क में तालमेल बैठाने के लिए क्या करें?

Friday, 23 September 2016

IAS की परीक्षा में कौन लोग असफल होते हैं और कौन सफल?

दोस्तों, सिविल सर्विसेज परीक्षाओं की तैयारी का मूल मंत्र है हौसला. दुनिया का बड़े से बड़ा खिलाड़ी अगर हौसला हार जाए तो उसकी हार तय हैं. सवाल ये उठता है कि ये हौसला मिलेगा कैसे? एक प्रैक्टिकल बात आपको बताता हूं. तैयारी करनेवाला हर उम्मीदवार शुरु में बेहद उत्साहित होता है. उसे लगता है कि वो पहली बार में ही तंबू गाड़ देगा. पूरा सेलेबस चाट डालेगा. एक नई इबारत लिखेगा. वगैरह-वगैरह. लेकिन तैयारी के शुरुआती महीनों में ही उसका हौसला टूटने लगता है. इस हौसले को बनाए रखने का काम करते हैं प्रेरणादायी लोग और प्रेरणाप्रद लेख...

ये लेख ना सिर्फ छात्रों को बूस्ट करते हैं बल्कि उन्हें लक्ष्य तक पहुंचने की एनर्जी भी देते हैं. जब भी छात्र हौसला हारता है तो ये लेख और प्रेरणादायी लोग उन्हें उत्साहित करते हैं. यही काम कोचिंग सेंटर करते हैं. जो लोग कोचिंग कर चुके हैं उन्हें अच्छी तरह से पता है कि क्लास में टीचर अगर 60 मिनट पढ़ाता है तो कम से कम 30 मिनट छात्रों को अपनी कहानी या फिर सफल लोगों की कहानी सुनाता है. उनका मकसद साफ है. वो जानते हैं कि कोचिंग पढ़ने से किसी का सेलेक्शन नहीं होता है, सेलेक्शन तब होता है जब छात्र में लगातार सालभर पढ़ने का हौसला बना रहे. आपके हौसले को बनाए रखने के लिए नीचे हम शिवा ठाकुर शिवा सर का प्रेरणाप्रद आलेख दे रहे हैं. इस आलेख को पढ़कर आपको नई एनर्जी मिलेगी. ये लेख शिवा सर ने अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया है. साभार ये लेख हम पेश कर रहे हैं.

छोटी-सी अपील-
शिवा सर की मेहनत को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाए. नीचे फेसबुक शेयर के बटन को दबाएं...

Thursday, 22 September 2016

IAS/PCS में सेलेक्ट होना है तो ये कहानी जरुर पढ़ें, बदल जाएगी जिंदगी.

एक राज्य में एक रिवाज था. राज्य  में राजा की नियुक्ति सिर्फ पांच साल के लिए ही होती थी. राजा के गद्दी संभालने के पांच साल बाद नए राजा का चुनाव होता था. पुराने राजा को राज्य की नदी के उस पार जंगल में भेज दिया जाता. नए राजा का दिल से स्वागत-सत्कार किया जाता और दूसरे को जंगल में विदा कर दिया जाता. पुराना राजा जंगल में दो-चार दिन डरा-डरा सा, सहमा हुआ घूमता. बाद में किसी जंगली जानवर का शिकार हो जाता.

PCS बनना है तो ऐसे बनाएं रणनीति, सफलता चूमेंगी कदम


दोस्तों, पिछले लेख में हमने आपको बताया था कि UPPCS परीक्षा में क्यों किसी छात्र का सेलेक्शन नहीं होता है? वो दो कौन सी वजहें जो किसी भी छात्र के सेलेक्शन में सबसे बड़ी बाधक हैं. अब जब आपने अपनी कमी जान ली है तो अब आपको सही रणनीति बनाने की जरुर है. आपकी ये मदद भावना जी अपने आलेख में कर रही हैं. हम उनका ये लेख हू-ब-हू नीचे पोस्ट कर रहे हैं.

सेलेक्शन के लिए सिर्फ पढ़ें नहीं, ऐसे बनाए रणनीति?

दोस्तों, सिविल सर्विसेज की तैयारी हर कोई करना चाहता है. लेकिन सिर्फ तैयारी ही अगर इस परीक्षा में सलेक्शन का मापदंड होता तो शायद ज्यादातर छात्र सेलेक्ट हो जाते. तो फिर सवाल उठता है कि सिविल सर्विसेज में सफल होेने के लिए क्या मापदंड होता है? सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी की शुरुआत कैसे करें? क्या पढ़ें? कितना पढ़ें? कितने घंटे पढ़ें?...

Wednesday, 21 September 2016

इस TRICK से GK के कठिन सवाल हो जाएंगे आसान, आजमा कर देखें


हर परीक्षा में राज्यों के नृत्यों से जुडे सवाल आते हैं. इन सवालों में कुछ सवाल ऐसे हैं जो अक्सर कंफ्यूजन की वजह से गलत हो जाते हैं. लेकिन अगर आप नीचे लिखें इन ट्रिक को दिमाग में फिट कर लें तो आगे से आपके ये सवाल गलत नहीं होंगे.

Thursday, 15 September 2016

PCS अफसर शिव सर से जानिए कैसे क्रैक करें PCS का चक्रव्यूह?





दोस्तों, UP PCS परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो PCS अफसर शिव कुमार सिंह का ये लेख जरुर पढ़ें. ये लेख आपके लिए बेहद काम का हो सकता है. खासतौस से उन छात्रों के लिए जो दिल्ली जाकर महंगी कोचिंग नहीं कर सकते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली के मुखर्जीनगर में चलनेवाली सैकड़ों कोचिंग में भी ऐसी रणनीति बतानेवाला कोई नहीं है. इसकी वजह भी साफ है. जब कोचिंग सेंटरों में कोई सफल आदमी पढ़ा ही नहीं रहा है तो उसे कैसे पता कि सफलता कैसे मिलेगी? मेरा अनुभव तो यही कहता है कि कोचिंगों में जबतक आप पढ़ते हैं तबतक एक मायावी दुनिया में फंसे रहते हैं. मन में भ्रम रहता है कि जब कोचिंग खत्म होगी तो एक बार जमकर पढ़ लेगें और फिर अफसर बनकर नीली बत्ती में घुमेंगे. लेकिन हकीकत ये है कि नीली बत्ती पर घूमने के चक्कर में हर साल लाखों छात्रों की बत्ती गुल हो जाती है.

Sunday, 11 September 2016

IAS/PCS की तैयारी कर रहे हैं तो यह लेख जरुर पढ़ें




दोस्तों हमारी कोशिश है कि हम आपको फ्री में बेहतरीन गाइडेंस और प्रमाणिक नोट्स उपलब्ध कराएं. इसके लिए हम लगातार कोशिश कर रहे हैं. आप भी इस बात को अच्छी तरह से जानते होंगे कि सफल वही होता है जो रणनीति बनाकर आगे बढ़ता है. सिविल सर्विसेज (IAS/PCS) का  किला फतह करना चाहते हैं तो  कुछ खास बातों को ध्यान रखना होगा. ये वहीं खास बातें हैं जो सफलता के लिए सबसे बड़ी बाधा है. इन्हीं बातों को शिवा ठाकुर शिवा जी ने अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया है. 

हम उनकी वॉल से इस पोस्ट को साभार लेकर आपके सामने पेश कर रहे हैं. क्योंकि शिवा जी का ये पोस्ट पढ़ने के बाद आपको कई सवालों के उत्तर मिल जाएंगे? क्या महंगी कोचिंग करने से कोई आईएएस  बनता है? क्या कोचिंग किसी को आईएएस बना सकती हैं? कोचिंग करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें. वगैरह-वगैरह.

छोटी-सी अपील-

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